किसान आत्मह्त्या मामले में टीएस, जोगी और भाजपा की प्रतिक्रया…!

किसान आत्मह्त्या मामले में फटाफट न्यूज के साथ पूरी पड़ताल 

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अम्बिकापुर देश दीपक “सचिन” जिले के सीतापुर विकासखंड में किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले में प्रदेश की सियासत गर्म हो चुकी है.. किसान की मौत पर जहाँ कांग्रेस और आजीत जोगी ने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए, कर के बोझ के कारण किसान द्वारा आत्महत्या करना बताया है तो वही भाजपा किसान मोर्चा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा है की मानसिक हालत ठीक ना होने की वजह से युवक ने खुदखुसी की है..

बहरहाल सच तो यह है की मृत किसान ने आत्मह्त्या की है.. यह भी सच है की उस पर प्रतापगढ़ सहकारी समिति का 49 हजार रूपए का कर्ज था और इस वजह से उसे खाद बीज नहीं दिया गया था.. सच यह भी है की कुछ दिनों पहले किश्त ना जमा कर पाने की वजह से प्राइवेट फाइनेंस कंपनी ने उसका ट्रेक्टर सीज कर दिया था.. लेकिन इन सबके बावजूद भी शायद यह कहा जा रहा है की किसान के मौत की वजह कर्ज नहीं बल्की कुछ और ही है.. तो आइये फटाफट की इस पड़ताल में जानते अलग अलग दलों की क्या है प्रतिक्रया…

जिसने खाद बीज देने से मना किया उस पर हो 302 का मुकदमा- अजीत जोगी  

किसान द्वारा आत्मह्त्या के समाचार को फटाफट न्यूज ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया और समाचार पढ़ते ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष दानिश रफीक ने मामले की जानकारी पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी को दी जिसके बाद अजीत जोगी ने मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए स्थानीय पदाधिकारियों का एक जाँच दल गठित किया और मृत किसान के गावं व घर भेजकर मामले की हकीकत पता करने के निर्देश दिए है..

जिला अध्यक्ष दानिश रफीक ने बताया की पार्टी के संयोजक अजीत जोगी ने किसान की मौत पर खेद प्रकट किया है साथ ही पांच सदस्यीय जांच दल में जय भगवान् अग्रवाल, मुन्ना टोप्पो, सुनील बखला, स्वेत बड़ा, निधर साय को नियुक्त करते हुए वास्तविकता की जांच के निर्देश दिए है अजीत जोगी ने यह भी कहा है की जाँच रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा की किसान को न्याय दिलाने के लिए कौन सा कदम उठाना है..श्री जोगी ने समिति प्रबधक पर 302 का मुकदमा चलाये जाने की मांग ही है और इसके लिए जनता कांग्रेस के लोग कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर मामला दर्ज करने की मांग भी करने की तैयारी में है..

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किस नियम के तहत कर्जदार को दोबारा लोन नहीं दिया गया- टी.एस.सिंह देव

वही विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने भी इस घटना पर खेद जताया है और कहा है की प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई है अगर कोई किसान पीड़ित था वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था तो प्रशासन को उसके साथ खडा होना चाहिए था.. उन्होंने यह भी कहा की किस नियम के तहत कर्ज में डूबे किसान को दुबारा लोन नहीं दिया जा सकता अगर किसान के ऊपर पुराना कर्ज था तो नए वर्ष में फिर से कर्ज दिया जा सकता था यह दुर्भाग्यपूर्ण है विधानसभा में भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा जाएगा..

पीसीसी ने जांच दल गठित किया

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है की ग्राम-उलकिया के कृषक फुलेश्वर पैकरा द्वारा कर्ज से परेशान होकर की गई आत्महत्या को गंभीरता से लेते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह के संयोजकत्व में 7 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

जांच समिति में पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह संयोजक, सीतापुर विधायक अमरजीत भगत, लुण्ड्रा विधायक चिंतामणी कंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, प्रदेश सचिव नजीर अजहर, सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल, सीतापुर ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रमेश गुप्ता सदस्यगण है।  जांच समिति के सदस्यों को कहा गया है कि वे तत्काल संबंधित ग्राम का दौरा कर मृतक के परिजनों एवं ग्रामवासियों से भेंटकर घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होवे तथा आवश्यक कार्यवाही करते हुये अपना प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रेषित करें।

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फर्जी है मामला, किसान मानसिक विक्षिप्त था किसान इसलिए की आत्म ह्त्या- अनिल अग्रवाल

मौत पर शुरू हुई इस शियासत में जहा दोनों प्रमुख विपक्षी दलों ने किसान की आत्मह्त्या के पीछे सहकारी समिति के कर्ज और खाद बीज ना मिलना बताया है तो वही भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने सारे तथ्यों को दरकिनार करते हुए कहा है की किसान कर्ज के कारण फांसी नहीं लगाया है यह बात फर्जी है.. उन्होंने बताया की किसान संपन्न था उसके परिजनों ने बताया की वह मानसिक विक्षिप्त था इसलिए आत्महत्या किया.. इतना ही नही सात आठ साल पहले मृतक के पिता ने भी आत्म ह्त्या की थी..

बहरहाल किसान द्वारा आत्मह्त्या किये जाने की खबर सुनते ही किसान के घर सबसे पहले जोगी की टीम पहुची और वस्तु स्थिती को देख कर पीड़ित किसान के परिजनों को धाडस बंधाया..इसके बाद सीतापुर ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष रमेश गुप्ता भी अपने साथियो के साथ मौके पर पहुचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दी. दोनों की दलों के नेताओं की जानकारी के अनुसार उनके शीर्ष नेतृत्व ने किसान की मौत पर सरकारी कर्ज को ही जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन इसी बीच सत्ताधारी दल के किसान नेता अनिल अग्रवाल भी मृतक के घर पहचे और वहा से आने के बाद उन्होंने मामले की पूरी कहानी ही उलट कर दी है उनके अनुसार किसान मानसिक बीमार था..