
बलरामपुर..जिले में ग्रामीणों के जन सहयोग और श्रमदान का पैसा इंजीनियर की लापरवाही से सरपंच ,सचिव के द्वारा डकारने का मामला सामने आया है..इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि ..जिस मिट्टी के कार्य को ग्रामीणों ने 50 हजार में पूरा किया ..उसी कार्य का इंजीनियर ने 2लाख 50 हजार का मूल्यांकन कर सत्यापन करा लिया..और ग्राम पंचायत के खाते में दो किस्तों में राशि भी भेज दी गई..वही अब मामला सामने आने के बाद एसडीएम ने इस मामले में कार्यवाही की बात कही है!
दरअसल, बलरामपुर ब्लाक के चितविश्रामपुर में पहाड़ी नाला (फूल झेरवा) पर बना बांध जुलाई -अगस्त माह के बीच क्षतिग्रस्त गया था..जिसके बाद नाले का पानी ग्रामीणों के खेतों में घुस गया..ग्रामीणों को धान के फसल की नुकसान होने की चिंता सताने लगी था..जिसको लेकर ग्रामीणों ने सरपंच ,सचिव से मूलभूत मद से बांध का मरम्मत कराने को कहा..जिसे सरपंच ,सचिव ने सरकारी राहत में देरी होने का हवाला देते हुये नजरअंदाज कर दिया..ऐसी स्थिति में ग्रामीणों ने 50 हजार रूपये चंदा इक्कठा कर श्रमदान करते हुए क्षतिग्रस्त बांध का मरम्मत कराया था..वही दूसरी ओर सरपंच ,सचिव ने बांध मरम्मत के नाम पर खेला कर दिया!..
ऐसे हुआ खेल..
जब जन सहयोग से क्षतिग्रस्त बांध का मरम्मत हो गया..तब मौका देखकर सरपंच,सचिव ने बगैर पंचायत प्रस्ताव के क्षतिग्रस्त बांध के फोटोग्राफ्स जियो टैग कर 2 लाख 50 हजार का आहरण कर लिया..इस बात की भनक गांव के कुछ युवकों को लगी..जो आग की तरह गांव में फैल गई थी..और ग्रामसभा की बैठक बुलाई गई..जिसमें यह निर्णय लिया गया की ग्रामीणों द्वारा इकट्ठा किये गये चंदे की रकम ग्रामीणों को लौटा दी जाएगी..लेकिन इसमें भी बंदरबाट हो गया कुछ ग्रामीणों को उनके हिस्से का पैसा अब तक नहीं मिल पाया है..ग्रामीणों का आरोप है कि बांध मरम्मत के नाम से आहरित राशि 2 लाख रूपये अब भी सरपंच के पास है..इस संबंध में ग्रामीणों ने 16 सितंबर 2025 को शिकायत की..
इंजीनियर की लापरवाही..
इस पूरे मामले में बांध मरम्मत करने वाले इंजीनियर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है..वह इसलिए क्योंकि जिस मरम्मत के कार्य को ग्रामीणों ने 50 हजार रूपये में पूरा कर लिया था..उस मरम्मत के कार्य का मूल्यांकन कर उस कार्य की लागत 2 लाख 50 हजार रूपये कर दिया गया..विभागीय अधिकारी भी इस मामले की जानकारी मिलने के बाद सकते में आ गये..की भला 5 गुना लागत कैसे आ गई?..
बहरहाल, गांव के ग्रामीणों ने अपने धान की फसल को बचाने अपने से भरसक प्रयास किया..जिसका क्रेडिट बाद में सरपंच और सचिव ने ले लिया..इंजीनियर ने तो कमाल ही कर दिखाया..अब इस मामले में कार्यवाही की आस लिये ग्रामीण भटक रहे है..इधर एसडीएम बलरामपुर ने मामले में जांच की बात कही है..जिसको लेकर अब संबंधितों को नोटिस जारी कर तलब करने प्रक्रिया शुरू हो गई है!.और अब देखने वाली बात है..की इस मामले में किन – किन पर कार्यवाही होगी?.