गरियाबंद. जिले के सुपेबेड़ा के ग्रामीणों की सिलसिलेवार किडनी की बीमारी से हो रही मौत पर प्रदेश के आबकारी मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है. मंत्री ने इस बीमारी का कारण दूषित पानी के अलावा नकली शराब को भी बताया है.
ग़ौरतलब है कि जिले के सुपेबेड़ा गांव में किड़नी की बीमारी से पिछले दो तीन सालों में 5 दर्जन से भी ज्यादा ग्रामीण मौत में मुँह में समा चुके हैं. वहीं इस वर्ष गांव में हालात इतने खराब थे कि मौतों का आकंड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा था. और थमने का नाम नहीं ले रहा था. शासन-प्रशासन लगातार हो रही मौतों को रोकने का प्रयास कर रही थी. लेकिन उनका हर उपाय फेल हो रहा था. जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर AIIMS के डॉक्टरों की टीम सुपेबेड़ा गांव पहुंची और शिविर लगाकर किडनी पीड़ित मरीजों की जांच की. जिसके बाद अब हालात कुछ काबू में है. लेकिन बीते दिन किडनी से पीड़ित एक युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में फिर से हड़कंप मच गया है.
इससे पहले राज्यपाल ने स्वास्थ्य मंत्री के साथ सुपेबेड़ा का का दौरा किया था. और वहां के किडनी पीड़ित लोगों से मिकलर उनका हालचाल जाना था. और राज्यपाल ग्रामीणों को दिलासा देते हुए कहा था कि सुपेबेड़ा अब मेरी जिम्मेदारी है.
इस बीच प्रदेश के आबकारी मंत्री ने सुपेबेड़ा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सुपेबेड़ा में किदनी की बीमारी का कारण दूषित पानी ही नहीं. बल्कि नकली शराब भी है. जिसके बाद मंत्री ने जिले के कलेक्टर और एसपी को नकली शराब की बिक्री रोकने के निर्देश भी दिए हैं.