Exclusive Video : MLA बृहस्पत के काफ़िले पर हुए कथित हमले की सच्चाई, ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी ने खोली साजिश की पोल

छत्तीसगढ की राजनीति में इन दिनों सियासी महाभारत का दौर चल रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस के भीतर विरोध का ज्वालामुखी फट गया है, लेकिन तिल का ताड बनाने वाले इस सियायी महाभारत के पीछे की सच्चाई अभी तक किसी ने नहीं दिखाई है। जो इस रिपोर्ट को पढ़ने और देखने के बाद आप खुद समझ जाएगें। दरअसल मामला बृहस्पति सिंह के सुरक्षाकर्मियो के काफिले पर हमला औऱ स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव पर हमले की साजिश रचने से जुडा है।

राजनीति मे पॉलिटिकल माईलेज लेना एक पुरानी परंपरा रही है या फिर ये कह लें कि इसी को राजनीति भी कहते है। ऐसी ही राजनीति पिछले तीन दिनो से छत्तीसगढ के सत्ताधारी दल कांग्रेस के भीतर चल रही है। दरअसल शनिवार को रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह रायपुर जाने के लिए अम्बिकापुर के सर्किट हाउस पहुंचे थे। इसी दौरान उनके काफिले के सुरक्षाकर्मी वाले वाहन मे सवार होकर सुरक्षाकर्मी और ड्रायवर कहीं घूमने निकले थे कि तभी ओवर टेक की बात को लेकर लुण्ड्रा जनपद उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंह उर्फ सचिन और उन लोगो के बीच कहा सुनी हो गई। तभी आरोपी वीरभद्र ने वाहन की चाभी निकालकर गाली-गलौज करते हुए चाभी को गाडी के कांच मे फेंककर मार दिया।

जिसके बाद चाभी फेंकने वाले हमले को लेकर सर्किट हाउस से विधायक बृहस्पति सिंह अम्बिकापुर के कोतवाली थाने पहुंच गए। जहां पहुंचने के बाद विधायक ने अपने काफिले के ड्रायवर सुदर्शन सिंह के माध्यम से वीरभद्र सिंह औऱ समेत तीन लोगो के खिलाफ आधा दर्जन धाराओ के तहत मामला दर्ज करा दिया, लेकिन शिकातकर्ता ड्रायवर और एक सुरक्षाकर्मी ने मीडिया के सामने जो बयान दिया है। उससे ये साफ हो जाता है कि घटना के दौरान हमला हुआ था या फिर मामले को जबरन तूल दिया गया है, क्योकि ड्रायवर ने साफ किया है कि ना ही आरोपी ने विधायक को गाली दिया है और ना ही किसी प्रकार का कोई जानलेवा हमला किया गया है।

गौरतलब है कि जिस समय सर्किट हाउस मे ड्रायवर मीडिया से आप बीती सुना रहे थे। उस समय खुद विधायक बृहस्पति सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक एसएस पैकरा और निरीक्षक अनुप एक्का भी वहीं मौजूद थे।

देखिए वीडियो- 

ड्रायवर सुदर्शन ने अपने बयान मे कहा कि ना वो आरोपी वीरभद्र को जानता था और ना ही वीरभद्र उन लोगो को पहचान रहे थे। तो ऐसे मे एक्ट्रोसिटी एक्ट जैसी गंभीर धारा के तहत अपराध दर्ज करना। फिर मामूली गाली गलौज के साथ चाभी फेंक कर कांच फोडने वाली घटना को हमले की शक्ल देने के साथ ही सर्किट हाउस मे बैठे विधायक को जान से मारने की साजिश वाली नौटंकी.. कि परत हमने नहीं बल्कि खुद विधायक बृहस्पति औऱ उनके सुरक्षाकर्मियो ने खोल कर रख दी है। ऐसे मे अब प्रदेश भर के साथ अम्बिकापुर मे भी कांग्रेसी अपने नेता स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ खडे हो गए है औऱ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव द्वितेन्द्र मिश्रा ने कांग्रेसी विधायक बृहस्पति सिंह के इस एक्सन को स्वास्थ मंत्री के खिलाफ साजिश रचने का तरीका बताया है। साथ ही उन्होने कहा कि बृहस्पति सिंह पायजामे से बाहर आकर बयानबाजी कर रहे हैं।

इस मामले को लेकर खुद विधायक बृहस्पति के ड्रायवर औऱ पीएसओ का बयान ये साबित कर रहा है कि मामूली थाना जमानती मामले को इस तरह से तूल दिया गया कि इसकी गूंज प्रदेश की राजधानी से लेकर विधानसभा की दजलीज तक पहुंच गई है और शायद बृहस्पति कुछ ऐसा ही करके सीएम के सामने पालिटिकल माईलेज लेने के प्रयास मे थे। बहरहाल प्रदेश के बडे मंत्री टीएस सिंहदेव के परिवार के सदस्य पर एफआईआऱ वाले दिन जिले के एसपी ही नहीं बल्कि खुद सरगुजा रेंज आईजी रतन लाल डांगी भी आधी रात तक थाने मे बैठे रहे। जो केवल घटना की गंभीरता प्रदर्शित नहीं करता है, बल्कि इसके भी अपने सियासी मायने हैं।