रायपुर. शहर में लगे यूनीपोल मामले में पत्रकार वार्ता लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आरोप लगाया कि महापौर ने 27 करोड़ रू के घोटाले का आरोप संबंधित एंजेंसी पर लगाया है। उपरोक्त गड़बड़ी पर लंबे समय तक महापौर की चुप्पी उन्हें संदेह के दायरे में ला रही है। महापौर स्वयं मान रहें हैं कि निगम के अधिकारी भ्रष्ट है और वे पूरे प्रमाण के साथ आरोप लगा रहे होंगे। तो वे इस विषय में जांच समिति की नौटंकी छोड़कर सीधे तथ्यों के साथ संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. क्यों नही करवा रहें हैं।उन्होंने कहा महापौर स्वयं घोटाला किंग है। डिवाइडर घोटाला, बुढ़ातालाब फौव्हारा घोटाला, राऊतपूरा फेस टू घोटाला में महापौर मौन है। हमें संदेह है कि ई.डी.की कार्यवाही से घबरा कर 2000 करोड रू के शराब घोटाले में संभावित संलिप्तता से जनता का ध्यान भटकाने की चाह में यह जांच का दिखावा कर रहे हैं।
मिनी यूनिपोल के नाम पर नगर निगम को 27 करोड़ रुपए की राजस्व की हानि हुई है। इस मामलें को लेकर MIC द्वारा गठित 6 सदस्यीय कमेटी की बैठक सोमवार को हुई थी। बैठक में टेंडर के नियमों को दरकिनार कर किसी खास एजेंसी को कैसे फायदा दिलाया गया इस पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद महापौर एजाज ढेभर ने कहा – होर्डिंग्स पर गलती हमारे अधिकारी ने की है। सबसे पहले ये पता लागयेंगे कि त्रुटि हुई तो कैसे हुई। दोषी पर बहुत कठोर कार्रवाई होगी। जो दोषी पाया जाएगा सबसे पहले उस पर कार्रवाई होगी। चाहे जितने भी बड़े अधिकारी हो उसे बख्शेंगे नही।