जांजगीर-चांपा। पामगढ़ के विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी के टिकट कट जाने के बाद बगावती तेवर में आ गए हैं. अपने ही पार्टी के पामगढ़ प्रत्याशी शेषराज हरबंश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं. राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक पार्टी के आलाकमान से अपनी गुहार लगा रहे हैं. वही सोशल मीडिया में भी अपने समर्थकों को चुनाव मैदान में उतरने की बात कह रहे हैं .आपको बता दे की पामगढ़ विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन पिछले चुनाव में बहुत ही कम मार्जिन से चुनाव हार गए थे .उसके बाद 2018 में फिर से मजबूती से दावेदारी कर रहे थे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने टिकट काट के महिला प्रत्याशी शेषराज हरबंश जो की पूर्व में भी पामगढ़ से चुनाव लड़ चुकी हैं उनका चुनाव मैदान में उतारा है.उसके बाद गोरेलाल बर्मन पार्टी से नाराज टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. अपने समर्थकों के साथ दिल्ली एवं रायपुर राजधानी में शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं. लगातार बगावती तेवर दिखाते हैं अपने समर्थकों को राय मश्वरा कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहते नजर आ रहे हैं. हालाकि अभी तक पूरा स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या गोरेलाल बर्मन किसी अन्य पार्टी ज्वाइन कर चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय मैदान में उतरेंगे..लेकिन गोरेलाल बर्मन के बगावती तेवर से कांग्रेस प्रत्याशी शेषराज हरबंस की मुश्किलें बढ़ गई है . मान मनवल के बाद भी गोरेलाल बर्मन के तेवर कम नहीं हो रहे हैं. कहीं ना कहीं वह पामगढ़ विधानसभा से कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हैं. वही इस बगावती तेवर साथ-साथ कार्यकर्ता भी अब दो भागों में बट गए है. जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी की खूब किरकिरी हो रही है. वही दोनों नेताओं के बीच की लड़ाई में विपक्ष खूब चुटकी ले रही हैं.दोनों की लड़ाई में कहीं भाजपा ने हाथ पामगढ़ विधानसभा से न मार दें यह कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन दोनों के बीच की लड़ाई में तीसरी की जीत होते नजर आ रही है .समय रहते अगर गोरेलाल बर्मन मान जाते हैं तो पार्टी के लिए नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा लेकिन अगर इसी तरह बगावती तेवर रहे तो आने वाले समय में जरूर कांग्रेस पार्टी को पामगढ़ में नुकसान उठाना पड़ सकता है।