रायपुर। राज्य शासन द्वारा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए फोर्टिफाईड चावल वितरण योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2020-21 के अपने बजट भाषण में इस योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की थी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ 80 लाख रूपए का बजट प्रावधान भी किया गया है। योजना की शुरूआत एक नवम्बर 2020 से की जाएगी। इस योजना में आदिवासी जिला कोण्डागांव का पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयन किया गया है। फोर्टिफाईड चावल का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों से किया जाएगा।
खाद्य विभाग के सचिव डॉ.कमलप्रीत सिंह ने बताया कि राज्य में कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने के लिए महत्वाकांक्षी फोर्टिफाईड चावल वितरण योजना शुरू की जा रही है। फोर्टिफाईड चावल में आयरन, फॉलिक एसिड एवं विटामिन बी12 होने के कारण यह शरीर में खून की कमी, भ्रूण विकास, खून निर्माण और नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज मे सहायक होता है। यह योजना कुपोषण और एनिमिया को दूर करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
गौरतलब है कि राज्य के बस्तर संभाग के निवासियों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गुड़ का वितरण किया जा रहा है। बस्तर संभाग के 6 लाख 71 हजार अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह 17 रूपए प्रतिकिलो की दर पर 2 किलो गुड़ प्रदाय किया जा रहा है।
इस योजना की शुरूआत जनवरी 2020 से की गई है। इसके अलावा राज्य में कुपोषण एवं एनीमिया मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू की गई है। इसके तहत छह वर्ष तक के कुपोषित बच्चों एवं 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं को गर्म भोजन और पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा इस योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 से बस्तर संभाग से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है।