रायपुर। प्रदेश में अब आदिवासियों को पेड़ काटने से पहले कलेक्टर की बजाय एसडीएस (अनुविभागीय) अधिकारी से अनुमति लेनी पड़ेगी। वहीं आदिवासियों की जमीन पर लगे पेड़ को यदि कोई व्यक्ति नुकसान पहुंचाता है तो उसे एक लाख रुपये अर्थदंड देना पड़ेगा। साथ ही तीन साल के कारावास का भी प्रविधान है। पहले यह राशि महज 10 हजार रुपये थी।
सोमवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों में हित) (संशोधन) विधेयक 2022 का अनुमोदन कर दिया है। इसके बाद यह अधिनियम छत्तीसगढ़ आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों में हित) (संशोधन) अधिनियम 2022 कहलाएगा।
मानसून सत्र में राज्य सरकार ने पेश किया था संशोधन विधेयक
मूल अधिनियम की पांच धाराओं में संशोधन किया गया है और एक धारा को विलोपित कर दिया गया है। किसी भी शिकायत में एसडीएम आवेदन की जांच कराएगा और राजस्व विभाग और वन विभाग के संयुक्त जांच प्रतिवेदन पर विचार कर अनुमति देने के लिए निर्णय लेगा। जुलाई के मानसून सत्र में राज्य सरकार ने यह संशोधन विधेयक पेश किया था।