मैं झंडा लगाता हूँ, दरी बिछाता हूं, पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं! अब नही फिसलेगी कवासी लखमा की जुबान क्योंकि अब लखमा सोच समझकर देने लगे बयान

रायपुर. छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा जब बयान देते हैं। तो वे ये परवाह नही करते कि उनके बयानों का क्या असर होगा। सीधे सीधे बस बयान दे देते हैं। लेकिन बीते कई दिनों से लखमा बहुत सोच समझ कर अपनी बात कह रहे हैं। वो कहते हैं न दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक के पिया जाए। इसी कहावत के साथ अब जब मंत्री कवासी लखमा से पत्रकार सवाल करते हैं। तो वे बहुत सोच समझ कर जवाब देते हैं। इस बार पत्रकारों के सवाल में उन्होंने अपने आपको पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता बताया और ये भी कहा कि मैं झंडा बांधता हूं, दरी बिछाता हूँ, किसी के लिए टिप्पणी नही करूंगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली दौरे को लेकर मंत्री कवासी लखमा ने कहा दिल्ली हमारा कांग्रेस का दरबार है। वहां से राजनीति चलता हैं। विधानसभा, लोकसभा का चुनाव नजदीक हैं। हाईकमान से रायशुमारी होगा। इसीलिए हमारे नेता गए हैं। मैं उनको बधाई देता हूं।

मंत्री टीएस सिंह देव और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के की प्लेन में जाने के सवाल पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा- हमारे पार्टी के हैं। टीएस सिंह देव, एक ही प्लेन में टिकट हुआ तो क्या दिक्कत है? मैं कांग्रेस का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। झंडा बांधता हूं दरी बिछाता हूं। पार्टी क्या तय करती है उस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा।

नए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के सवाल पर कहा कि पार्टी जो तय करेगा वह होगा। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल नेता है। हिंदुस्तान का पहला मुख्यमंत्री है। भूपेश बघेल, पिछले साल में नंबर वन था इस साल भी नंबर वन है। छत्तीसगढ़ किसानों आदिवासियों का प्रदेश है। आने वाला चुनाव भूपेश बघेल के नेतृत्व में होगा और वो मुख्यमंत्री फिर बनेगा।

बीजेपी के पीएम मुलाकात को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ में जीएसटी का पैसा नहीं मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में विकास नहीं हो रहा वह जाकर वहां बताएं हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा 2640 रूपय देने वाला सरकार है। माननीय प्रधानमंत्री जानते नीति आयोग की बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दिया। यहां की हर बात को भारत सरकार सराहना करती है इनाम मिलता है। यह उनका रूटिंग प्रक्रिया है वह जा सकते हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मुलाकात पर हमलावर को लेकर लखमा बोले कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय फंस जाएंगे। छत्तीसगढ़ में सबसे पहले आदिवासी अन्य पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा करेगा उनको यहां का जनता माफ नहीं करेगा। राज्यपाल से रोकने का काम कर रहा है। यहां 11 सांसद है लेकिन छत्तीसगढ़ के एक भी बात को लोकसभा में नही उठते है। जनता जान रही है। वह बात को दिल्ली में नहीं उठा रहे। उनका हाईकमान कब मिलेगा नहीं मिलेगा या अलग मसला है। छत्तीसगढ़ के विकास का बाद करेंगे तो अच्छा बात है। हमारा नेता लोग दिल्ली जा सकते हैं। तुम कभी जाने का पूरा अधिकार है।