- जोगी कांग्रेस ने सौंपा ED को ज्ञापन, ED को बस्तर आने का दिया न्यौता
- भूपेश सरकार ने आदिवासियों के हक को मारा, घोटालों में बनाया रिकार्ड- नवनीत
- छत्तीसगढ़ बना घोटालों का गढ़, भ्रष्टाचार में आदिवासियों को भी नहीं छोड़ा- प्रदीप साहू
रायपुर. क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे ने आज बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद और अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू के नेतृत्व में आज बस्तर में डीएमएफ फंड की बंदरबांट और 50,000 करोड़ से भी ज्यादा के घोटाले पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए ED को ज्ञापन सौंपा और ED को बस्तर आने का न्यौता दिया।
बस्तर इकाई अध्यक्ष नवनीत चांद और अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू ने जोगी कांग्रेसियों के साथ राजधानी के पचपेड़ी नाका स्थित ED के दफ्तर में जाकर ज्ञापन सौंपते हुए शीघ्र अति शीघ्र इस संबंध में जांच करते हुए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई। ED के अधिकारियों ने जोगी कांग्रेस के नेताओं को आश्वस्त किया कि इस संबंध में जानकारियां और भी जुटाई जा रही है और जल्द ही DMF फंड के दुरुपयोग किए जाने के संबंध में ठोस कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद ने कहा छत्तीसगढ़ अब घोटालों का गढ़ बन गया है, भूपेश सरकार में एक से बढ़कर एक घोटाले हो रहे हैं उन्होंने बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा और आदिवासियों के हक अधिकार का हनन करते हुए उनके हक और अधिकार के रुपए को भी नेता, अधिकारी मिलकर डकार गए। जिसका सबक आने वाले समय में बस्तर की जनता EVM के माध्यम से देगी।
इस दौरान प्रदीप साहू ने कहा छत्तीसगढ़ में ईडी ने शराब घोटाले में बडी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। अब बस्तर के DMF फंड घोटाले को तत्काल इस पर संज्ञान लेना चाहिए और जिस प्रकार से बस्तर के मूल निवासी आदिवासी भाई, बहनों और उनके बच्चों के हक अधिकार को मारने का काम सत्ता से जुड़े अधिकारी नेता ने किया है। उनके खिलाफ भी जांच करते हुए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस दौरान आदिवासी नेता सुजीत कर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ का राज्य का गठन आदिवासियों के विकास के लिए किया गया था और स्व जोगी जी ने बहुत ही कम समय में आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का काम किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर 19 साल में छत्तीसगढ़ को लूटने का काम किया। जिस उद्देश्य से छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया था। उसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने मिलकर किया है। जिसका परिणाम भुगतने के लिए दोनों राष्ट्रीय दल 2023-24 के चुनाव में तैयार रहें।
गौरतलब है कि डीएमएफ फंड को खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों और खनन क्षेत्रों के हित और लाभ के लिए काम करने के लिए किया जाना है। खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के विकास के लिए इस प्रकार का कार्य करना होता है, परंतु बस्तर में इस राशि का दुरुपयोग धड़ल्ले से किया गया। बस्तर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी आदिवासी समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले आदिवासियों के हित में ना कर सरकार से जुड़े नेता, अधिकारी सब मिलकर 50,000 करोड़ से भी ज्यादा राशि की बंदरबांट की कर ली गई। जिसका सवाल खुद सत्ता दल से जुड़े कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने विधानसभा में उठाया था और सरकार को आईना दिखाया है।
ईडी को ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से बस्तर इकाई के अध्यक्ष नवनीत चांद, अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू, आदिवासी नेता सुजीत कर्मा बस्तर संभाग अध्यक्ष टंकेश्वर भारद्वाज, बीजापुर जिला अध्यक्ष विजय झाड़ी, बस्तर शहर उपाध्यक्ष बाबा जमील आदि उपस्थित थे।