रायपुर. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आज राजधानी रायपुर में आगाज हुआ। सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओलम्पिक का शुभारंभ किया। इस दौरान खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, विधायक कुलदीप जुनेजा, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, महापौर एजाज ढेबर मौजूद रहे।
बता दें कि रायपुर में 3 दिनों तक राज्यस्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता का आयोजन होगा। जिसमे 14 खेलों को शामिल किया गया है। दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बांटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएगी. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के सभी 14 खेलों में मुकाबले सरदार बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम, आउटडोर स्टेडियम बुढ़ापारा, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय खेल परिसर और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में होंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस ओलम्पिक में प्रदेश के 5 संभागों के 1899 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसा खेल हैं, जिसे 6 वर्ष से 65 वर्ष तक के लोग खेल रहे है। 6 अक्टूबर से शुरुआत हुई थी। शुरू में कैसे खेलेंगे कौन सा खेल होगा आयोजन कैसे होगा इसकी चिंता थी। आज सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय खेल भी शामिल हुए। पूरा प्रदेश में खेल के प्रति वातावरण बना, गाँव गाँव के लोग भागीदार बने, ऐसे लोगो को भी मौका मिला जो सुसराल जाकर बहुओं को अवसर नही मिला था। वो महिलाएं बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिए। कब्बडी फुगड़ी खेलने का मौका मिला, मैं विश्वास दिलाता हूं ये आयोजन हर साल होगा. कुछ लोगो को निराशा हैं, शिकायत भी है, इनाम नही मिला। घोषणा करता हूँ क्लस्टर स्तर के खेल में ब्लॉक, जिले संभाग स्तर के खिलाड़ियों को पुरस्कार औऱ शील्ड मिलेगा। फिलहाल सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पुरस्कार की राशि तय करके खिलाड़ियों को पुरस्कृत करे।
वही खेल मंत्री उमेश पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा- ऐतेहासिक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत मुख्यमंत्री की सोच सपने से शुरू हुई, हमारे यहां खेल लुप्त हो रहा है, उसको कैसे बढ़ावा दिया जाए इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने ओलंपिक के रूप में की। छत्तीसगढ़ संस्कृति, बोली, भाखा, बोरे-बासी को आगे बढ़ाने वाले, हरेली ठेठरी, खुरमी तीजा पोरा को पहचान देने वाले मुख्यमंत्री मिले। अब पहली बार हमें गर्व होता हैं अपने छत्तीसगढ़ पर, जिसे अपनी माटी से प्रेम है वही ये काम कर सकता हैं। खेल मंत्री ने बताया कि सीएम ने उनसे कहा था कितना भी पैसा लगे चिंता करने की जरूरत नही है उतना पैसा मैं लगाऊंगा मैं तैयार हूं, बस खेलों को बढ़ावा मिले।