Chhattisgarh News: पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया की बहन के देवर ठिकानों में पहुँची ED, रातों रात करोड़ो की संपत्ति कैसे आयी?



रायपुर. छत्तीसगढ़ में ED ने एक बार फिर छापेमारी शुरू की है। आज सुबह से जारी ED की छापेमारी में बरामदगी को लेकर छन-छन के खबरे आ रही है। बताया जा रहा है कि कोल खनन परिवहन घोटाले की व्यापक जाँच को अंजाम देने के लिए ED ने एक बार फिर कार्यवाही शुरू की है। बताते है कि ताजा कार्यवाही में आरोपी सुपर CM सौम्या चौरसिया के कारोबारी रिश्तेदारों के अलावा उन अधिकारियों के ठिकानों में भी दस्तक दी गई है। जो सरकारी मशीनरी जाम कर गैरकानूनी आर्थिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह से ED ने आधा दर्जन लोगो के लगभग दर्जन भर ठिकानों में छापेमारी की है। इसमें बरामदगी को लेकर लोगों की निगाहें लगी हुई है।

जानकारी के मुताबिक सौम्या चौरसिया के कोरबा निवासी रिश्तेदार विपुल पटेल के रायपुर स्थित ठिकानों से ED को निवेश संबंधी कई दस्तावेज बरामद होने की खबर आ रही है। सूत्र बताते है कि विपुल पटेल, सुपर CM सौम्या चौरसिया की बहन का देवर है। बताते है कि कांग्रेस के सत्ता में आने से पूर्व वर्ष 2018 तक विपुल पटेल कोरबा में रहकर कारोबार कर रहा था। उसकी आर्थिक स्थिति एक दम सामान्य थी। लेकिन अब उसका रसूख और जमीन, जायजाद करोड़ों में है। मात्र 4 साल में अचानक उसने करोडो की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी। बताते है कि सुपर CM सौम्या चौरसिया ने अपनी बहन के नाते-रिश्तेदारों के नाम पर भी करोडो की संपत्ति कर रखी है। विपुल पटेल के ठिकानो में फ़िलहाल छापेमार कार्यवाही जारी है।

बताया जा रहा है कि सौम्या चौरसिया के रांची निवासरत एक अन्य रिश्तेदार अनुराग चौरसिया के ठिकानो पर भी ED की पड़ताल जारी है। बताते है कि 4 साल पहले तक अनुराग चौरसिया भी कोई ऐसा ठोस कामकाज नहीं करते थे, जिससे की एका-एक करोडो की संपत्ति उनके नाम दर्ज हो जाये। सौम्या चौरसिया के लिए जमीन जायदाद के लेनदेन से जुड़े इस शख्स से ब्लैकमनी को लेकर ED पूर्व में भी पूछताछ कर चुकी है। बताते है कि ED ने अनुराग चौरसिया से उसकी अर्जित आय और रातों-रात अर्जित की गई करोडो की संपत्ति का हिसाब-किताब ले रही है। यह भी बताया जाता है कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश IT की चार्जशीट में अनुराग चौरसिया का भी नाम शामिल है।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ की सुपर CM सौम्या चौरसिया के खिलाफ चालान पेश करने से पूर्व ED ने उन अफसरों और कारोबारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो सौम्या चौरसिया के गैर क़ानूनी फरमानो को सरकारी आदेश मानकर भ्रष्टाचार और अवैध उगाही के कारोबार में जुटे थे। शुक्रवार सुबह से रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर समेत अन्य इलाको में ED की टीम ने एक साथ कई इलाको में छापेमारी की है। इसमें रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित ऑफिसर कॉलोनी में आईएएस दम्पत्ति अनबंगलम P, सचिव जल संसाधन व संस्कृति विभाग और उनकी आईएएस पत्नी के बंगले में एक साथ दस्तक दी है। जबकि ED की एक अन्य टीम अनबंगलम दंपत्ति के भिलाई स्थित बंगले पर भी डटी है।

जानकारी के मुताबिक तत्कालीन माइनिंग सचिव रहे, अनबंगलम पर सौम्या चौरसिया गिरोह के साथ साठ गांठ कर सरकार की तिजोरी में नुकसान पहुंचाने का आरोप है। जबकि उनकी आईएएस पत्नी की सचिव वित्त के पद पर तैनाती को लेकर बताया जाता है कि सरकारी संरक्षण में उन्हें उनके मौजूदा पद से तीन गुने उच्च पद पर तैनाती दी गई है। बताते है कि वित्त विभाग में अब तक ACS स्तर के अफसर की तैनाती होती रही है। लेकिन सौम्या चौरसिया के सहयोग से काफी जूनियर होते हुए भी अनबंगलम की नियुक्ति हुई।

नतीजतन दोनों आईएएस दम्पत्ति की कार्यप्रणाली से सरकार के कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामलो ने दिन दुनी रात चौगुनी प्रगति की। दरअसल वित्त विभाग किसी भी राज्य सरकार की आर्थिक रीढ़ होता है। विभागीय खर्चो से लेकर योजनाओं का ब्यौरा वित्त विभाग ही तय करता है। ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात आईएएस अफसरों के ठिकानो में ED की छापेमारी सुर्खियों में है

रायपुर में ऐश्वर्या किंगडम में निवासरत सौम्या के कारोबारी रिश्तेदार विपुल पटेल और अशोका टावर में निवासरत स्वत्रंत जैन समेत अन्य तीन कारोबारियों के ठिकानों पर ED की टीम अभी भी डटी है। बताया जाता है कि कांग्रेस विधायक अग्नि चंद्राकर के रायपुर में शंकर नगर और महासमुंद स्थित ठिकानो में भी ED की छापेमारी जारी है।

विधायक अग्नि चंद्राकर कोल खनन परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक सूर्यकांत तिवारी के ससुर है। वे छत्तीसगढ़ बीज निगम के चेयरमेन भी है। अग्नि चंद्राकर के ठिकानो में ED ने दूसरी बार दस्तक दी है। यह भी बताया जाता है कि पहली बार ED की छापेमारी में विधायक अग्नि चंद्राकर के ठिकानो से ED को भ्रष्टाचार और घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज हाथ लगे थे। इसमें उनके दामाद सूर्यकांत तिवारी की ब्लैक मनी से खरीदी गई सम्पतियों के दस्तावेजों के अलावा कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए थे, जो प्रथम दृष्टया किसी सवैंधानिक सरकारी दफ्तर की विशेष नोटिंग और टीप के साथ जारी किये गए थे।

सूत्रों के मुताबिक अग्नि चंद्राकर के ठिकानो से पूर्व में हुई छापेमारी में कई निवेश संबंधी दस्तावेजों के साथ एक सनसनीखेज डायरी भी बरामद होने की खबर सुर्खियों में थी। बताया जाता है कि इसी डायरी में अवैध उगाही के ब्यौरे के साथ कई अधिकारियों और उद्योगपतियों से होने वाली वसूली का हिसाब-किताब दर्ज था। सूत्रों का दावा है कि डायरी में अखिल भारतीय सेवाओं के कई चर्चित अफसरों के कमीशन, गैरकानूनी कार्यो के लिए मिल रही रकम और निवेश संबंधी कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दर्ज थी।

यह भी बताया जाता है कि दिल्ली के चर्चित शराब कारोबारी पोंटी चड्डा की कम्पनी के साथ छत्तीसगढ़ में ”रेडी टू इट” पोषण आहार योजना से सूर्यकान्त तिवारी समेत कुछ अन्य अफसरों की मासिक कमाई का ब्यौरा भी दर्ज पाया गया था। बताते है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सालाना 1 हजार करोड़ से ज्यादा का व्यय वाली रेडी टू इट योजना के ठेको में भी सूर्यकान्त की हिस्सेदारी बताई जाती है। गौरतलब है कि पूर्व के छापो में बरामद ब्लैक मनी और निवेश के दस्तावेजों से ED ने साफ़ किया था कि आरोपी सूर्यकान्त तिवारी की रोजाना कमाई 2 से 3 करोड़ के लगभग थी।

कोंग्रेसी नेता और बीज निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर के ठिकानो पर जारी ED की छापेमारी में इस बार भी कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बरामद होने की खबर है।

बताते है कि ताजा दस्तावेज सरकार के कुछ करीबी अफसरों के साथ-साथ खुद विधायक अग्नि चंद्राकर की मुसीबत बढ़ा सकते है। छापेमारी के उपरांत विधायक चंद्राकर के कदमो पर लोगो की निगाहें लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक छापे के उपरांत ED की संभावित कार्यवाही विधायक अग्नि चंद्राकर का राजनीतिक भविष्य भी तय कर सकती है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि ताजा छापेमारी में ED को ज्यादा नगदी तो हाथ नहीं लगी है, लेकिन अभी तक की पड़ताल में करोडो के निवेश संबंधी दस्तावेज और गहने जरूर हासिल हुए है। हालांकि कारोबारियों और अफसरों से इसे लेकर प्राथमिक पूछताछ जारी है। सूत्रों का दावा है कि कारोबारियों के ठिकानों से बरामद दस्तावेजों और संपत्ति को लेकर ED ने पहले भी बतौर संदेहियों के रूप में कुछ से पूछताछ की थी।

उधर कारोबारी स्वतंत्र जैन और विपुल पटेल के ठिकानों से भी संपत्ति, निवेश और विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से सम्बंधित कई दस्तावेज बरामद होने की खबर है। हालांकि अभी तक नगदी की बरामदगी की खबर नहीं आई है। बताया जाता है कि ये दोनों कारोबारी आरोपी सौम्या चौरसिया के साथ मिलकर कई गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। संदेह यह भी जाहिर किया जा रहा है कि कोल कारोबार और कई ठेको से मिलने वाली ब्लैकमनी को विदेशो में खपाये जाने को लेकर भी ED कुछ कारोबारियों से पूछताछ कर सकती है।

वहीं बिलासपुर स्थित कोल कारोबारी, महावीर कोल वाशरी के मालिक देवेंद्र जैन, प्रमोद जैन के निवास विघानगर में भी ED की छापेमारी की कार्यवाही जारी है। हालांकि ED की ओर से अभी तक ताजा छापों को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फ़िलहाल ED की कार्यवाही जारी है, उम्मीद की जा रही है कि छापेमारी की कार्यवाही ख़त्म होने के बाद ED बरामदगी का ब्यौरा जारी करेगी।