CG विधानसभा मानसून सत्र: मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र पर विपक्ष का विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित


मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्‍तीफे के बाद छत्‍तीसगढ़ की राजनीति में मची उथल-पुथल अब विधानसभा तक पहुंच गई है। मानसून सत्र के पहले दिन मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्‍तीफे का मुद्दा सदन में गूंजा। विपक्ष ने सिंहदेव के पत्र को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शून्यकाल में मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा दिए गए इस्तीफे का मामला सदन में उठाया। अजय चंद्राकर ने कहा, सिंहदेव के इस्‍तीफे से प्रदेश में संवैधानिक संकट उपजा है। इस पूरे मामले में मंत्री और मुख्यमंत्री का जवाब आना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र व्यवस्था का प्रश्न नहीं है।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, मंत्री के निर्णय को सचिव की समिति अंतिम रूप देगी। यह कहां की व्यवस्था है। मंत्री में दम है तो इस्तीफा दें। उन्‍होंने कहा, प्रकरण के निराकरण तक सदन की कार्यवाही स्थगित करें।

इस पर आसंदी से सभापति ने कहा, इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती है। विपक्ष ने इस पर आसंदी से चर्चा के लिए व्यवस्था की मांग की। विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा और मंत्री-मुख्यमंत्री की ओर से जवाब की मांग की। जनता कांग्रेस छत्‍तीसगढ़ जोगी के विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, ये सामान्य पत्र नहीं है, मंत्री द्वारा आरोप लगाना सामान्य घटना नहीं है। आसंदी से अध्यक्ष ने कहा, विधानसभा के समक्ष इस्तीफे का पत्र नहीं आया है, इसलिए यह चर्चा का विषय नहीं है। समाचार पत्र में आए विषय को आधार बनाकर व्यवस्था की चर्चा नहीं हो सकती।

नेताप्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने भी सरकार को घेरते हुए मंत्री के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि वे कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। इस पर वे सदन में जवाब दें। मामले पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।