रायपुर। आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने एक ओर ट्वीट करके छत्तीसगढ़ में आई 15000 वाइल रेमडेसीविर की जानकारी दी वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के प्रश्न पर वीडियो सन्देश के माध्यम से जवाब भी दिया।
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि पूर्व में ऐसा महसूस होता था कि सकारात्मक सुझाव मिल रहे हैं और साथ मिलकर कार्य हो रहे हैं लेकिन अब ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि दुष्प्रचार में संलग्न हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे सोची-समझी किसी रणनीति के तहत गलत तथ्यों को प्रस्तुत करके वे छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को कमतर बताने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके साथ ही अजय चंद्राकर के प्रश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि 22 मार्च को महाराष्ट्र सरकार ने 595 में रेमडीसीवेर खरीदी तो इसकी जगह पर 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार ने 1400 में रेमडीसीवेर इसलिए खरीदी है क्योंकि बाजार में सामान का दाम परिस्तिथि के अनुसार बदलते रहता है और दवाओं पर भी यह प्रभाव पड़ता है।
यही हालात रेमडीसीवेर दवा के साथ भी उत्पन्न हुए हैं छत्तीसगढ़ सरकार ने सिपला कंपनी के साथ अनुबंध किया हुआ था, जिसे पूरा करने में कम्पनी पीछे हट गई थी। उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान छत्तीसगढ़ में रेमडीसीवेर की अत्यंत आवश्यकता थी, इस जरूरत और जनभावना को देखकर हमारी सरकार ने एमरजेंसी टेंडर बुलवाया था।
रेमडीसीवेर के भाव पर अन्य राज्यों की कीमत और केंद्र द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों को रखा सामने
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के प्रश्न पर प्रतिक्रया देते हुए गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आंकड़े सामने रखे जिसमें राज्यों ने 1568 में रेमडीसीवेर का क्रय किया है। उन्होंने कहा कि जब दवा उपलब्ध नहीं हुई होगी तब राज्यों ने महँगे दाम पर भी इस दवा को खरीदने का निर्णय लिया होगा।
टी एस सिंहदेव ने आगे कहा कि इन सभी दरों की समीक्षा करके विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश दिया कि जब सारे देश में 1400में ही यह दवा उपलब्ध हो रही है तब छत्तीसगढ़वासियों के असंतोष को देखते हुए हमनें इसी दर में कार्य करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही
उन्होंने भारत सरकार के पत्र दिखाकर कहा कि माईलेन फार्मास्यूटिकल कंपनी जिससे छत्तीसगढ़ सरकार ने यह दवाई खरीदी है, इस कंपनी के लिए भारत सरकार की ओर से 4800 की दर को घटाकर 3400 निर्धारित किया गया है लेकिन छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने इस दर से भी कम 1400 में यह दवा खरीदी है। इसके उपरांत भी गलतबयानी या आरोप के जरिये भ्रम फैलाने की जो कोशिश की जा रही है वह कोरोना की विरुद्ध जंग में सकारात्मक प्रयास नहीं हो सकता है।