रायपुर… राजधानी में होने वाले कांग्रेस के महाधिवेशन को लेकर कांग्रेस मीडिया चेयरमेन जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेस ली और बताया कि 24 फ़रवरी को सुबह दस बजे स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होगी। शाम चार बजे विषय समिति की बैठक होगी, 25 तारीख़ को राजनीतिक, राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर प्रस्ताव लाया जायेगा। 26 तारीख़ को किसान कल्याण, युवा, रोज़गार, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण पर चर्चा होगी।
जयराम रमेश ने कहा भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी बौखलाई हुई है। यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुआ लेकिन उनकी परेशानी नहीं गई, घबराहट नहीं गई। 20 तारीख़ को छत्तीसगढ़ के हमारे नेताओं के घरों में ईडी के छापे हुए। अधिवेशन को डी रेल करने की कोशिश की गई। मोदी सरकार के उत्पीड़न की एक और मिसाल पवन खेड़ा की गिरफ़्तारी से सामने आई. खेड़ा के ख़िलाफ़ तीन एफ़आईआर दर्ज की गई। बीजेपी को कुछ कहने पार असम के मुख्यमंत्री सक्रिय हो जाते हैं। जिग्नेश मिवाड़ी पर ऐसा ही एफ़आइआर दर्ज किया गया था और अब पवन खेड़ा पर दर्ज कि गई है। हमारी न्यायपालिका अब भी उम्मीद की ज्योति बनी हुई है। टाइगर अभी ज़िंदा है. ये सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दिखाई पड़ा। मोदी सरकार न्याय पालिका को धमकी देने में लगी हुई है।
पिछले कुछ महीनों में जी 20 के संदर्भ में प्रधानमंत्री अलग अलग जगहों पर जा रहे है। बैनर पोस्टर लगे हैं लिखा है कि इंडिया इस मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी लेकिन असल में स्थिति मर्डर ऑफ़ डेमोक्रेसी की है। जब हम पार्लियामेंट में कुछ कहते हैं तो उसे रिकॉर्ड से हटाया जाता है और जब बाहर कुछ कहते हैं तब धमकाया जाता है।
संसद के पंद्रह दिनों में हमने अदाणी मामले में 45 सवाल पूछे हैं। तीन दिन अधिवेशन के बीतने के बाद हम और सवाल पूछेंगे। सरकार बुरी तरह फँसी है, प्रधानमंत्री की ख़ुद इसमें भूमिका है। एलआईसी जैसे संस्थानों को अदाणी की कंपनी में निवेश करने के निर्देश दिये गये हैं। इससे पहले गुजरात में जीएसपीसी घोटाला हुआ था।बीस हज़ार करोड़ रुपये का घोटाला था। सार्वजनिक कंपनी पर दबाव डाला गया था कि इसे ख़रीदो। सीएजी ने इस पर सवाल उठाया था, ओएनजीसी को ज़बरदस्ती इसे ख़रीदने का दबाव बनाया गया था।
सभी जानते हैं कि 2014 से मोदी सरकार जो निजीकरण करवा रही है उसमें एक ही कंपनी को फ़ायदा पहुँचा है। एयरपोर्ट, बंदरगाह का निजीकरण कैसे एक ही कंपनी ने किया। ये असंभव है कि मोदी सरकार को इसकी जानकारी नहीं थी।
कांग्रेस पार्टी उदारीकरण, उद्यमशीलता के पक्ष में है लेकिन हम पूंजीवाद, मित्रवाद के ख़िलाफ़ है। अगर प्रधानमंत्री-गृहमंत्री सोच रहे हैं कि ईडी के छापे से, प्रवक्ता पर एफ़आईआर दर्ज करने से सवाल उठाना बंद होगा तो वे ग़लतफ़हमी में हैं।
हम संगठन में चुनाव के पक्ष में हैं. अगर स्टीयरिंग कमेटी में चुनाव कराने का ज़िक्र होगा तो हम आगे बात करेंगे। देश में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जहां संगठन में निष्पक्ष चुनाव समिति है। विपक्ष की एकता मज़बूत हैम 2022 में सत्रह विपक्षी दलों ने पीएमएलए का संशोधन आया है, वह ग़लत है। युवाओं की संगठन में अधिक भागीदारी के मुद्दे पर जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी में संविधान संशोधन के लिये एक अलग समिति है. समिति में चर्चा के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा। विपक्ष की एकता मज़बूत करने में हम अपनी भूमिका जानते हैं।
सशक्त कांग्रेस के बिना विपक्ष की मज़बूती नहीं हो सकती। सशक्त कांग्रेस से ही विपक्ष की भूमिका प्रभावशाली होगी। कामन मिनिमम प्रोग्राम बनाना है। अभी इस पर और बातचीत करने की ज़रूरत है। अभी 2023 में कई राज्यों में चुनाव हैं। इसके बाद 2024 में चुनाव होने है। अभी तो हमें 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करनी हैं।
छत्तीसगढ़ में छापे पर कहा कि यह प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति की जा रही हैं। ईडी मोदी सरकार के पास एक हथियार है अपने विपक्षियों पर हमेशा चलाने के लिये तैयार हैं।