छत्तीसगढ़ की बेटियों को स्नातक कक्षाओं तक मिलेगी निःशुल्क शिक्षा
नक्सल हिंसा पीड़ित जिलों के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त ऋण
नये वित्तीय वर्ष में होगी 1305 पटवारियों की भर्ती
इस वर्ष चयनित 590 पटवारियों के नियुक्ति आदेश जल्द जारी होंगे
बेहतर भू-प्रबंधन के लिए हवाई सर्वेक्षण के जरिए बनेंगे दस शहरों के नक्शे
लाइवलीहुड कॉलेजों के लिए 69 करोड़ रूपए का बजट
रायपुर, 17 फरवरी 2014
आगामी वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, जनशक्ति नियोजन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक हजार 870 करोड़ 15 लाख रूपए की बजट अनुदान मांगों को आज यहां विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इन विभागों के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बजट प्रावधानों के बारे में सदस्यों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि नये बजट में राजस्व विभाग से संबंधित भू-राजस्व, जिला प्रशासन, शासकीय मुद्रणालय, पुनर्वास विभाग तथा राहत एवं आपदा प्रबंधन और लोक निर्माण से संबंधित कार्यो के लिए एक हजार 78 करोड़ 28 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के लिए 521 करोड़ 70 लाख रूपए, तकनीकी शिक्षा और जनशक्ति नियोजन विभाग के लिए 288 करोड़ 54 लाख रूपए और विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के लिए 17 करोड़ 70 लाख रूपए के बजट प्रस्तावों को ध्वनि मत से पारित किया गया।श्री पाण्डेय ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की बजट घोषणाओं के अनुरूप नये शिक्षा सत्र से छत्तीसगढ़ में सभी बालिकाओं को स्नातक कक्षाओं तक निःशुल्क शिक्षा की सुविधा मिलने लगेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा के लिए वर्तमान में चल रही मुख्यमंत्री ऋण-ब्याज अनुदान योजना में वर्तमान में प्रचलित 4 प्रतिशत की ब्याज दर को घटाकर मात्र एक प्रतिशत कर दिया जाएगा और नक्सल पीड़ित जिलों के विद्यार्थियों को इस योजना में उच्च शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
श्री पाण्डेय ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य में प्रत्येक दो ग्राम पंचायतों पर एक पटवारी हल्के का गठन किया जा चुका है। पहले इन पटवारी हल्कों की संख्या 3086 थी, जो बढ़कर 4841 हो गयी है। यह प्रशासन को आम जनता के नजदीक पहंुचाने के लिए विकेन्द्रीकरण की दिशा में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। श्री पाण्डेय ने सदन को बताया कि पिछले साल राजस्व विभाग ने 590 पटवारियों को चयन किया था, जिनकी नियुक्ति अगले एक-दो महीने में कर दी जाएगी। इस वर्ष विभाग ने एक हजार 305 पटवारियों के चयन का लक्ष्य निर्धारित किया है। पटवारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस वर्ष 200 पटवारियों के लिए कम्प्यूटर खरीदे जाएंगे। लोक सेवा आयोग को 149 नायब तहसीलदारों की भर्ती के लिए मांग पत्र भेजा गया था। आयोग द्वारा चयनित 130 तहसीलदार राजस्व विभाग को मिले हैं, जिन्हें विभिन्न तहसीलों में पदस्थ कर दिया गया है। पिछले साल 14 नये राजस्व अनुविभाग गठित किए गए थे। इसी कड़ी में चार नये राजस्व अनुविभाग- सुकमा (जिला सुकमा), नवागढ़ (जिला बेमेतरा), गुण्डरदेही (जिला बालोद) और सिमगा (जिला बलौदाबाजार-भाटापारा) की सीमाओं के निर्धारण के लिए प्रस्ताव बुलाए गए हैं। इन अनुविभागों के लिए छह-छह पद भी स्वीकृत करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में 16 अनुविभागीय राजस्व कार्यालयों के भवन निर्माण के लिए बजट में दो करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि राज्य के दस नगरीय क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के जरिए नक्शा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय भू-उपग्रह दूर संवेदी केन्द्र (एन.आर.एस.ए.) हैदराबाद के साथ एम.ओ.यू. किया गया है। इस एम.ओ.यू. के अनुसार रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, सरगुजा, रायगढ़, धमतरी, बिलासपुर, जगदलपुर और कोरबा शहरों के नक्शों को बड़े स्केल में बनाया जाएगा। इससे इन शहरों के भू-प्रबंधन में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि पंजीयन कार्यालयों का भी कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। शासकीय भूमि की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए मंत्रि-मण्डलीय उप समिति की अनुशंसा के अनुरूप छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 में आवश्यक संशोधन किया जा चुका है। विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ अधोसंरचना एवं पर्यावरण कोष की स्थापना की गयी है।
उच्च शिक्षा विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा दिलाने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं। राज्य गठन के समय जहां छत्तीसगढ़ में केवल चार विश्वविद्यालय थे, वहीं आज इनकी संख्या 18 हो गयी है, जिनमें सात शासकीय विश्वविद्यालय, छह निजी विश्वविद्यालय, एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय और चार अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। प्रदेश में सरकारी कॉलेजों की संख्या 116 से बढ़कर 202 और निजी कॉलेजों की संख्या 90 से बढ़कर 258 हो गयी है। बस्तर और सरगुजा में अलग विश्वविद्यालय बनाए गए हैं। राज्य के सरकारी महाविद्यालयों में पिछले साल एक लाख 25 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत थे, अब उनकी संख्या बढ़कर एक लाख 45 हजार तक पहंुच गयी है। इस प्रकार कॉलेजों की दर्ज संख्या में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा वृद्धि हुई है। उन्होंने सदन को बताया कि विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से 27 विषयों के लिए चयनित 581 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों के पठन-पाठन को सुचारू बनाए रखने के लिए अतिथि व्याख्याता नियुक्ति करने का प्रावधान किया गया है। इस समय 1020 अतिथि व्याख्याता कॉलेजों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार विभाग ने सेवा भर्ती नियमों में संशोधन कर लिया है, जिसका प्रकाशन में राजपत्र में जल्द किया जाएगा। इसके बाद 966 सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा जाएगा। अशासकीय अनुदान प्राप्त कॉलेजों को पोषण और तदर्थ अनुदान देने के लिए नये बजट में 36 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने सदन को यह भी बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत केन्द्र सरकार ने केवल दो राज्यों छत्तीसगढ़ और मणिपुर का चयन किया है। इस अभियान के तहत राज्यों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अधोसंरचना विकास के कार्य लिए जाएंगे। इसमें कुल व्यय का 65 प्रतिशत अंशदान केन्द्र से मिलेगा और शेष 35 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी। वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए इस अभियान में राज्य सरकार ने दस करोड़ रूपए और केन्द्रांश 30 करोड़ रूपए को मिलाकर 40 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। नये वित्तीय वर्ष 2014-15 में जशपुर जिले के कांसाबेल तथा जिला दुर्ग के खुर्सीपार में नये कॉलेजों की स्थापना के लिए एक करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में नवीन मद में किया गया है। छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना के तहत प्रदेश के कॉलेजों में लगभग 40 हजार विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा के लिए निःशुल्क टेबलेट वितरित किए गए हैं। श्री पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यह भी घोषणा की है कि नये वित्तीय वर्ष से राज्य में बालिकाओं को स्नातक कक्षाओं तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। यह एक क्रांतिकारी निर्णय है।
तकनीकी शिक्षा विभाग की बजट मांगों का उल्लेख करते हुए श्री पाण्डेय ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा की अधिक से अधिक सुविधा दिलाने का संकल्प लिया है। इसके अनुरूप राज्य में तकनीकी शिक्षा संस्थानों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के समय केवल 03 शासकीय, एक स्व-वित्त पोषित और 08 निजी इस प्रकार कुल 12 इंजीनियरिंग कॉलेज थे। आज इनकी संख्या 49 तक पहंुच गयी है। इसी तरह इन सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या दो हजार 730 से बढ़कर 18 हजार 870 तक पहंुच गयी है। राज्य निर्माण के समय केवल दस शासकीय पॉलिटेक्निक संस्थाएं थीं। अब इनकी संख्या 43 हो गयी है। इनमें 23 शासकीय और 20 निजी क्षेत्र की पॉलीटेक्निक संस्थाएं शामिल हैं, जिनमें कुल छात्र संख्या एक हजार 495 से बढ़कर 7720 तक पहंुच गयी है। राज्य सरकार ने सभी 27 जिलों में एक-एक पॉलीटेक्निक संस्थान खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुरूप पिछले साल रामानुजगंज, मुंगेली और सुकमा में नवीन पॉलीटेक्निक संस्थान खोले गए। नये वित्तीय वर्ष 2014-15 में बिलासपुर, बस्तर और भाटापारा में सह-शिक्षा पॉलीटेक्निक खोले जाएंगे। इसके लिए बजट में 7 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इन संस्थाओं में पिछले साल 151 पदों की पूर्ति की गई। युवा सूचना क्रांति योजना के तहत पिछले साल प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 13 हजार 292 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क लैपटॉप और पॉलीटेक्निक संस्थाओं में 2 हजार 955 विद्यार्थियों को निःशुल्क कम्प्यूटर टेबलेट दिए गए। राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में केवल 44 आई.टी.आई. थे, जिनमें पांच हजार 960 सीटें थी वर्तमान में प्रदेश के सभी 27 जिलों में 129 शासकीय आई.टी.आई. संचालित किए जा रहें है, जिनमें सीटों की संख्या बढ़कर 20 हजार 676 हो गई है। राज्य निर्माण के प्रथम तीन वर्ष में छत्तीसगढ़ में 17 आई.टी.आई. खोले गए थे, जिनमें केवल 704 सीटों की वृद्धि हुई थी, जबकि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विगत 10 वर्ष में 68 नये आई.टी.आई. खोले गए, जिनमें 14 हजार 716 सीटों की वृद्धि हुई। वर्तमान में 50 आई.टी.आई. भवनों का निर्माण प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं का कौशल उन्नयन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए उन्हें विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण की सुविधा देने के लिए प्रदेश के सभी 27 जिलों में आजीविका कॉलेज (लाइवलीहुड कॉलेज) खोलने की कार्य योजना पर अमल शुरू हो गया है। इसके लिए नये वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में 69 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कम पढ़े-लिखे युवाओं को इन कॉलेजों में विभिन्न व्यवसायों में अल्पकालीन तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उनका कौशल विकास हो और उन्हें उनके हुनर के अनुसार बेहतर रोजगार मिल सके। श्री पाण्डेय ने सदन को बताया कि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों की मदद के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क में एक सौ रूपए से तीन सौ रूपए तक विशेष छूट दी है। तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य में संचालित विभिन्न तकनीकी संस्थाओं के लिए पिछले साल की तुलना में इस वर्ष की बजट में लगभग 19.81 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।