रायपुर : स्वस्थ छत्तीसगढ़ के लिए स्वच्छ पेयजल और साफ परिवेश जरूरी: डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री ने किया पेयजल-स्वच्छता जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ
सभी 27 जिलों के लिए जागरूकता रथों को दिखाई हरी झंडी

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रायपुर, 20 फरवरी 2014

 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाने के लिए पानी की स्वच्छता पर विशेष रूप से बल दिया है। उन्होंने कहा है कि अधिकांश बीमारियां गंदे पानी के इस्तेमाल की वजह से होती हैं। इसलिए पीने के पानी और अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी और अपने घर-आंगन तथा पास-पड़ोस के परिवेश को साफ रखना हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी है। यह प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक परिवार की सेहत के लिए बहुत जरूरी है कि वह व्यक्तिगत रूप से भी इसका ध्यान रखे।
मुख्यमंत्री ने आज सवेरे यहां अपने निवास के सामने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित पेयजल एवं स्वच्छता जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर विभाग की ओर से राज्य के सभी 27 जिलों के लिए  27 पेयजल स्वच्छता एवं जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर जन-जागरण यात्रा के लिए रवाना किया। उन्होंनेे पेयजल स्वच्छता जागरूकता सप्ताह और रथों के भ्रमण कार्यक्रम के आयोजन की सफलता के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को शुभकामनाएं दी। डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के सभी लोगों और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा और विभाग के सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा सहित अनेक अधिकारी और प्रबुद्ध नागरिक इस अवसर पर उपस्थित थे। पेयजल स्वच्छता जागरूकता सप्ताह के दौरान प्रदेश की सभी नौ हजार 734 ग्राम पंचायतों के स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में जन-जागरण के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सप्ताह का शुभारंभ करते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के लगभग शत-प्रतिशत गांवों में हैंड पम्पों की स्थापना कर दी है और बड़ी संख्या में ग्रामीण नल-जल योजनाओं के माध्यम से भी लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का प्रबंध किया गया है। ऐसे में शासन द्वारा स्थापित हैंड पम्पों और अन्य उपकरणों के रख-रखाव पर ध्यान देना ग्राम पंचायतों सहित प्रत्येक स्थानीय ग्रामवासी की नैतिक जिम्मेदारी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत बीमारियां गंदे पानी के इस्तेमाल और अपने आस-पास के अस्वच्छ वातावरण के कारण होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी प्रत्येक नागरिक को सचेत होना चाहिए। आयोजित सप्ताह के दौरान हमारा विभाग इस दिशा में समाज की भागीदारी से विशेष पहल करने जा रहा है।
विभाग के सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा ने इस अवसर पर बताया कि यह सप्ताह राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम और निर्मल भारत अभियान के तहत मनाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के सुरक्षित उपयोग, पानी की गुणवत्ता की जांच, शुद्ध पेयजल के इस्तेमाल, गंदे पानी की उचित निकासी, स्वच्छ शौचालयों के उपयोग तथा व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति लोगों में अधिक से अधिक जागृति लाने का प्रयास किया जाएगा। जागरूकता सप्ताह के दौरान ये रथ हर जिले के गांव-गांव जाकर लोगों को इस विषय में गीत-संगीत, व्यक्तिगत चर्चा और पाम्पलेट आदि के माध्यम से जानकारी देंगे। पंच-सरपंचों के सहयोग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य मितानिनों, महिला स्व-सहायता समूहों,  स्वच्छता दूतांेे, ग्राम स्तरीय जल स्वच्छता समितियों और समाज सेवी संस्थाओं सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी से लोगों के घर-घर जाकर पेयजल स्वच्छता का संदेश पहुंचाया जाएगा। कला जत्थे भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक पेयजल की स्वच्छता का संदेश पहुंचाएंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव ने बताया कि 25 फरवरी तक चलने वाले इस सप्ताह के दौरान दीवार लेखन, समूह चर्चा, विशेष ग्रामसभाओं का भी आयोजन किया जाएगा। विकासखंड स्तर पर जागरूकता कार्यशाला, रैली आदि के आयोजन के साथ-साथ जिला स्तर पर भी कार्य शालाएं होंगी। इस सप्ताह के दौरान हैंड पम्पों की मरम्मत का भी विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा हैंड पम्पों के आस-पास साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए वाटर रिचार्जिंग के लिए भी विशेष उपाय किए जाएंगे। लोगों को घरों में पक्के और स्वच्छ शौचालय निर्माण के लिए शासकीय योजना की जानकारी दी जाएगी और उन्हें इसके लिए प्रेरित किया जाएगा।