रायपुर
- उच्च शिक्षा विभाग से कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी
- ऐसी संस्थाओं को 30 जून तक बंद करवाने के निर्देश
- उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं से की अपील: प्रवेश लेते समय संस्थाओं की मान्यता की भी जानकारी प्राप्त कर लें
राज्य सरकार ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में शासकीय अनुमति के बिना निजी विश्वविद्यालयों के अध्ययन केन्द्रों और पाठ्यक्रमों के संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस बारे में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उनके दिशा निर्देशों के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र भेजकर कहा है कि बगैर मान्यता अथवा बिना अनुमति के संचालित शिक्षा संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। परिपत्र में उन्हें इस विषय में तत्काल बैठक लेने और समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि अन्य राज्यों की गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा यदि अध्ययन केन्द्र अथवा ऑफ कैम्पस पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं तो छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों के हित में इस प्रकार की संस्थाओं को तत्काल बंद करवाया जाए और इनके संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए। यह कार्रवाई इस महीने की 30 तारीख तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी परिपत्र में दिए गए हैं।
उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने प्रदेश के सभी विद्यार्थियों से अपील की है कि वे इस प्रकार की शिक्षण संस्थाओं से सतर्क रहे और प्रवेश लेते समय यह सुनिश्चित कर लें कि जिन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दाखिला ले रहे हैं वे शासन से मान्यता प्राप्त हैं अथवा नहीं। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. बी.एल. अग्रवाल ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा परिपत्र के साथ सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को राज्य शासन से अधिनियमित विश्वविद्यालयों की सूची भी भेजी गई है। परिपत्र में कहा गया है कि राज्य में विगत कुछ वर्षों में अन्य राज्यों के ऐसे निजी विश्वविद्यालयों के अध्ययन केन्द्रों और पाठ्यक्रमों के संचालन की जानकारी मिली है जिन्हें छत्तीसगढ़ शासन से अनुमति नहीं है। इस बारे में छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने प्रारंभिक प्रकरण भी दर्ज किया है। इस प्रकार के अनाधिकृत शिक्षण संस्थानों द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों और अध्ययन केन्द्रों से प्राप्त डिप्लोमा और डिग्रियां छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय सेवाओं के लिए अमान्य हैं।
परिपत्र में बताया गया है कि इस संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में भी एक प्रकरण में 16 अप्रैल 2014 को निर्णय पारित कर ऐसी संस्थाओं की उपाधियों को छत्तीसगढ़ राज्य में अमान्य कर दिया है। परिपत्र में उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों के किसी भी निजी विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ में अध्ययन केन्द्र संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) के 7 जून 2011 के पत्र और सार्वजनिक सूचना जून 2013 में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि यू.जी.सी. ने किसी भी विश्वविद्यालय को अपने राज्य की सीमाओं से बाहर अध्ययन केन्द्र और ऑफ कैम्पस पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं दी है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि राज्य में अन्य प्रदेशों के विश्वविद्यालयों के अध्ययन केन्द्र और पाठ्यक्रम संचालित करना अवैधानिक है। यह कृत्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के प्रावधानों केे भी खिलाफ है। कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से परिपत्र में कहा गया है कि वे इस संबंध में कार्रवाई के दौरान उच्च शिक्षा विभाग से किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन लेना चाहें तो संचालनालय के अपर संचालक श्री आर.बी.सुब्रमण्यन से उनके मोबाइल फोन पर तत्काल संपर्क कर सकते हैं।
परिपत्र में राज्य शासन द्वारा अधिनियमित जिन विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है, वे इस प्रकार है – उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्थापित राज्य विश्वविद्यालय- इंदिरा कला, संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, बस्तर विश्वविद्यालय जगदलपुर, सरगुजा विश्वविद्यालय अंबिकापुर, बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर और पंडित सुंदरलाल शर्मा (ओपन) विश्वविद्यालय बिलासपुर। निजी विश्वविद्यालयों के अंतर्गत-महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नालॉजी बिलासपुर, मेट्स विश्वविद्यालय, गुल्लू, आरंग जिला रायपुर, सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, कोटा, बिलासपुर, कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर, आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय दुर्ग और आई.टी.एम. विश्वविद्यालय, नया रायपुर शामिल है। तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्थापित स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रायपुर, कृषि शिक्षा विभाग के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर और कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग तथा विधि शिक्षा विभाग के अंतर्गत हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर शामिल है। इनके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों और संस्थाओं की सूची इस प्रकार है-गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एन.आई.टी.) रायपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नालॉजी (आईआईआईटी) रायपुर, अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय (ओपन) विश्वविद्यालय नई दिल्ली शामिल हैं।
परिपत्र के साथ सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को चार उन संस्थाओं की भी सूची भेजी गई है, जिनके बारे में राज्य में नियम विरूद्ध और बिना मान्यता के, अध्ययन केन्द्र अथवा ऑफ कैम्पस सेंटर चलाने की जानकारी मिली है। इनमें सी.एम.जे. विश्वविद्यालय, नावेल्टी प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी और एस.ए.एम. हिग्गीनबॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एण्ड साइंसेस शामिल हैं।