गौरव पथों के निर्माण से भी आवागमन हुआ बेहद आसान
रायपुर, 17 जनवरी 2014
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्धारित मापदण्डों से बाहर रह गयी ग्रामीण बसाहटों को बारहमासी डामरीकृत अथवा कांक्रीट की सड़कों से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना ऐसे गांवों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्राम सड़क और विकास योजना के निर्धारित मानकों से बाहर रह गए गांवों में कीचड़ और धूल की समस्या से जनता को राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना शुरू की गयी है।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के तहत वर्ष 2011-12 और वर्ष 2012-13 के बजट से विभाग द्वारा लगभग चार हजार 544 किलोमीटर की एक हजार 360 सड़कों के निर्माण के लिए दो हजार 212 करोड़ 52 लाख रूपए मंजूर किए जा चुके हैं। कई गांवों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के तहत डामर अथवा सीमेंट कांक्रीट की सड़कों का निर्माण पूर्ण होने पर अब वहां के निवासियों को बरसात में कीचड़ की समस्या से मुक्ति मिल गयी है और आवागमन भी आसान हो गया है। योजना के तहत इस समय दो हजार 443 किलोमीटर की 869 सड़कों में डब्ल्यू.बी.एम., डामरीकरण और गली सीमेंट कांक्रीटीकरण के कार्यो के साथ यात्री प्रतीक्षालयों और हैण्डपम्पों का भी निर्माण करवाया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना में होने वाले निर्माण कार्यो में लगभग 350 करोड़ रूपए की लागत संभावित है।
अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क और विकास योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि मुख्य सड़कों से बिना जुड़ी बसाहटों को कम से कम एक तरफ से डामर की सड़कों से जोड़ा जाए और अपवाद स्वरूप जहां दूसरी तरफ जोड़ने के लिए कम लम्बाई की सड़क बनाने की जरूरत हो, वहां दोनों तरफ से सड़क बनाने के बारे में विचार किया जा सकता है। इस योजना में बनने वाली सड़कों की चौड़ाई 3.75 मीटर रखी गयी है। डामरीकृत अथवा सीमेंट कांक्रीट वाली इन सड़कों के निर्माण के साथ इनमें शोल्डर और पटरी सहित कुल चौड़ाई साढ़े सात मीटर की होती है, जिनमें स्थानीय जरूरत के अनुसार मध्यम ऊंचाई के पुल-पुलियों का भी निर्माण किया जा सकता है। जहां कम चौड़ाई की जमीन है वहां साढ़े सात मीटर के स्थान पर छह मीटर की चौड़ाई में सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण किया जा सकेगा। योजना के तहत बनने वाली सड़कों के किनारे के सभी गांवों में यात्री प्रतीक्षालय, महिला प्रसाधन और सार्वजनिक पेयजल सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। इन सड़कों के किनारे सभी गांवों के भीतर की गलियों में सीमेंट कांक्रीट मार्ग और नालियों के निर्माण का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना की प्रत्येक सड़क में एक-डेढ़ किलोमीटर पर 50 मीटर लम्बी और साढ़े सात मीटर की अतिरिक्त चौड़ाई में एक अन्य सड़क का भी निर्माण करने का प्रावधान है, ताकि किसान उस रास्ते अपने खेतों से टेªक्टर, बैलगाड़ी आदि में फसल की लोडिंग के साथ आसानी से अपनी फसल का परिवहन कर सकें। इस योजना में सड़कों से खेतों में उतरने के लिए उचित ढाल की एप्रोच रैम्प का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि किसान खेतों में अपने टेªक्टर आदि आसानी से उतार सकें।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2012-13 में लगभग 800 किलोमीटर के दो हजार 331 गौरव पथ मंजूर किए जा चुके हैं, जिनके निर्माण में लगभग चार सौ करोड़ रूपए की लागत आएगी। इस योजना में सीमेंट कांक्रीट सड़कों के साथ नालियों का भी निर्माण किया जा रहा है।