छत्तीसगढ़ की रायगढ़ पुलिस ने कापू थानाक्षेत्र में हुए ट्रिपल मर्डर की गुत्थी 24 घंटे के भीतर पुलिस ने सुलझा लिया है। इस वारदात को एक ही परिवार के चार लोगों ने अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में बाप-बेटा और बहू-सास को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि गुरूवार को कापू थाना क्षेत्र के ग्राम धवईडांड के समीप मौजूद जंगल में एक किशोरी समेत तीन लोगों की लाश मिली थी। जिनकी पहचान धवईडांड निवासी अमृतलाल (30 वर्ष), दुहतीबाई (60 वर्ष) और अमृता बाई (15 वर्ष) के रूप में की गई थी। अज्ञात आरोपी तीनों की जघन्य हत्या कर फरार हो गये थे। वहीं एक ही परिवार के तीन सदस्यों की एक ही स्थान पर लाश मिलने और घटनास्थल के आसपास मिले खून के निशान मिलने के बाद पुलिस को हत्या की वारदात को लेकर कई तरह का संदेह था।
एसपी अभिषेक मीणा खुद घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुटे थे और पुलिस अधिकारियों को हत्या से जुड़े हर एक पहलुओं की बारीकी से तफ्तीश करने का निर्देश दिया था। जब घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने इस हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ना शुरू किया तो पता चला के जंगल में ही महुआ संग्रहण के लिए ठहरे एक अन्य परिवार ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है।
जिसके बाद पुलिस ने फूलसाल अगरिया (50 वर्ष) और उसकी पत्नी टूनीबाई को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। पहले तो दोनो ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद दोनों पति-पत्नी ने इस हत्याकांड को अंजाम देना स्वीकार किया। एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि फूलसाय अगरिया का 21 वर्षीय बेटा विकेश अगरिया घटना की रात दुहतीबाई और उसकी 15 वर्षीय नातिन के साथ जंगल में बने अस्थाई झोपड़े के बाहर आग ताप रहा था। शराब के नशे में धुत्त विकेश के साथ बातचीत के दौरान दुहतीबाई के साथ किन्ही बातों को लेकर विवाद हो गया।
विवाद बढ़ने पर शराब के नशे में धुत्त विकेश अगरिया ने आवेश में आकर पास में रखे कुल्हाड़ी के पिछले हिस्से से महिला पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। इस घटना में दुहतीबाई की मौके पर ही मौत हो गयी। जिसके बाद उसने 15 वर्षीय अमृता बाई की हत्या की और फिर झोपड़े में सो रहे दुहतीबाई के 30 वर्षीय बेटे अमृतलाल को भी मारकर मौत की नींद सुला दिया। इस घटना के दौरान विकेश अगरिया, उसकी पत्नी कौशल्या बाई और उसके माता-पिता मौके पर ही मौजूद थे। हत्याकांड की जानकारी के बाद आरोपियों ने मिलकर तीनों लाश को घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक साथ रखकर पुलिस को गुमराह करने के लिए पास में ही पत्थर रख दिया गया, ताकि हत्या पत्थर से मारकर किए जाने की पुष्टि होने के बाद पुलिस गुमराह हो जाए।
एसपी ने बताया कि हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी विकेश अगरिया अपनी पत्नी के साथ देर रात ही ग्राम चाल्हा लौट गया, जबकि उसके माता-पिता वही जंगल में ही रूके रहे, ताकि पुलिस को गुमराह कर सके। इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझते ही पुलिस ने घटना के बाद से फरार विकेश और उसकी पत्नी को गांव में छापामार कार्रवाई कर गिरफ्तार कर लिया है।