रायपुर। प्रदेश में अब किसी के खिलाफ तभी जांच होगी, जब शिकायत करने वाले का नाम और पता सही होगा। अज्ञात या फर्जी नाम से पहुंचने वाली शिकायती पत्र के आधार पर किसी के खिलाफ जांच नहीं की जाएगी। ऐसी फर्जी नाम की शिकायतों को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। इतना ही नहीं गुमनाम या फर्जी नाम से की गई शिकायत के आधार पर अभी जो जांच चल रही है उसे क्लोज कर दिया जाएगा। सेंट्रल विजलेंस कमीशन सीबीसी से सरकुलर जारी होने के बाद शासन ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिया है।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने पुलिस के सभी प्रमुख विभागों को सीबीसी के सरकुलर का रिफरेंस देकर चिट्ठी भेज दी है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार सीबीसी से जारी सरकुलर में स्पष्ट कहा गया है कि अब अज्ञात या फर्जी नाम से की गई शिकायतों की जांच नहीं की जाएगी। पुलिस को पत्र के माध्यम से किसी के खिलाफ शिकायत मिलने पर सबसे पहले ये देखा जाएगा कि चिट्ठी भेजने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर क्या है। शिकायत की जांच के पहले पुलिस शिकायतकर्ता का पता लगाएगी।
शिकायत में दिए मोबाइल नंबर पर कॉल किया जाएगा। मोबाइल नंबर बंद मिलने पर शिकायती पत्र में दिए पते पर जाकर शिकायत करने वाले की खोज की जाएगी। पत्र में उल्लेखित नाम और पता सही होने पर शिकायत करने वाले से पूछा जाएगा कि उनकी शिकायत के आधार पर जांच के दौरान उन्हें बयान लेने के लिए बुलाया जाएगा। उस समय वे उपस्थित होंगे या नहीं? शिकायतकर्ता ने अगर कह दिया कि वे बयान देने नहीं आएंगे तो शिकायत की जांच नहीं की जाएगी। शिकायती पत्र को नष्ट कर दिया जाएगा।
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के अनुसार विभागीय स्तर पर गोपनीय शिकायत करने की परंपरा है। विभाग में किसी से परेशानी होने पर वहीं के स्टाफ गोपनीय शिकायत करते हैं। फर्जी नाम से शिकायत कर वे किसी के खिलाफ भी जांच चालू करवा देते हैं। इससे संबंधित स्टाफ को अनावश्यक जांच के घेरे में फंसना पड़ता है। फर्जी शिकायत पर अब तक किसी तरह का अंकुश नहीं था, इस वजह से विभागों में शिकायतों की ही मोटी फाइल बन जाती है। अब ऐसा नहीं होगा।
पुलिस मुख्यालय के सभी विभागों, विशेष पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन एवं इंटेलिजेंस, सभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय, सभी रेंज के आईजी, पुलिस अधीक्षक रेल सहित सभी जिला मुख्यालय में भी सरकुलर भेज दिया गया है।