राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने अनोखी पहल
अम्बिकापुर”दीपक सराठे”
राजस्थानी भाषा कोधा संविन की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने के लिये अखिल भारतीय मरवाड़ी युवा मंच द्वारा न सिर्फ एक अनोखी पहल की जा रही है, बल्कि एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दो लाख पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को मारवाड़ी युवा मंच भेजेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुये मंच के पूर्व प्रदेश महामंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने के लिये युवा मंच द्वारा पूरे देश में फैली अपनी शाखाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम दो लाख से अधिक आग्रह पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं।
यही नहीं क्षेत्रीय विधायको, सांसदो से भी इस बावत एक अनुरोध पत्र प्रधानमंत्री के नाम भेजवाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की शाखाओं से अभी तक 25 हजार पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को प्रेषित किये जा चुके हैं, जिसमें अम्बिकापुर महामाया शाखा से एक हजार पोस्टकार्ड भेजवाये गये हैं। श्री अग्रवाल ने बताया कि मरवाड़ी समाज द्वारा देश के विभिन्न हिस्सो में जाकर वहां कई समाज सेवा जैसे उल्लेखनीय कार्य पूर्व में किये जा चुके हैं।
अन्य संस्कृति से घुलमिलकर अनेको सेवा कार्यों को मूर्त रूप दिया गया है। देश के सभी क्षेत्रों में फैली मरवाड़ी युवा मंच की सात सौ शाखाओं और 50 हजार सदस्यों द्वारा हर क्षेत्र में समाज सेवा से संबंधित कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। मंच के द्वारा सेवा कार्य के रूप में एम्बुलेंस सेवा, कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण, केंसर जांच, कन्या भू्रण संरक्षण, स्वास्थ्य शिविर आदि अन्य कार्यों में हर समय सक्रियता दिखाई गई है। श्री अग्रवाल का कहना है कि राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता दिये जाने से देश की इस अनमोल विरासत को बढ़ावा मिल सकेगा।