कोरिया. जिले के मनेन्द्रगढ़ बस स्टैंड में बस मालिकों के गोरखधंधे के चलते यात्रियों को भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है. अधिक कमाई के फेर में बस मालिक कई गाड़ियों का परिचालन बताकर परमिट ले लेते हैं. लेकिन उनके द्वारा इतनी बसें नहीं चलाई जाती.. जितने का उनके द्वारा परमिट लिया जाता है.. यही वजह है कि इन बस चालकों की मनमानी से यात्रियों को हमेशा परेशान होना रहना पडता है..
मनेंद्रगढ़ बस स्टैंड में भर्राशाही का यह आलम लंबे अरसे से बना हुआ है. इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. वहीं कई बस चालक ऐसे हैं जिन्होंने छोटी गाड़ियों का परमिट लिया हुआ है.. लेकिन बड़ी गाड़ियां चला रहे हैं.. कई बस चालक ऐसे भी है जिनका परमिट केल्हारी तक का है. लेकिन वे जनकपुर, माड़ीसरई, कोटाडोल तक की सवारी बस में बैठा लेते हैं.. आगे जाने पर यात्रियों को पता चलता है कि यह बस सिर्फ केल्हारी तक जाएगी.. इससे आए दिन बस चालक, कंडक्टर और यात्रियों में विवाद होते रहता है.. वहीं कई वाहन मालिकों ने आधे-आधे घंटे के अंतराल में तीन-चार बसों का परमिट जारी करा लिया है.. लेकिन उनके द्वारा सिर्फ एक ही बस चलाई जाती है.. जब इस बारे में उनसे कुछ पूछा जाता है तो उनका कहना होता कि वे परिवहन विभाग को टैक्स देते है..
लेकिन यह आसानी से समझा जा सकता है कि लगातार 1/2 घंटे के अंतराल में दो-तीन बसों का परमिट लेकर उसके स्थान पर सिर्फ एक ही बस चलाई जाती है. जिससे यात्रियों को लंबे समय तक बस की प्रतीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जितनी गाड़ियों का परमिट है उतनी गाड़िया चलती ही नहीं जिससे बसों में यात्रियों का दवाब बढ़ जाता है. इसके अलावा कई बस चालक बस छूटने के निर्धारित समय से 3 से 4 घण्टे पहले ही स्टैंड में अपने वाहन खड़ा कर देते हैं. जिससे बस खड़ा करने को लेकर भी बस चालको में कई बार अप्रिय स्थिति निर्मित होती है.