अम्बिकापुर
देश दीपक “सचिन”
अम्बिकापुर नगर में विशेष दर्जा प्राप्त दिव्यांग बच्चे महरूम है शिक्षा से,, केदारपुर स्कूल में पूर्व से संचालित हो रही इस योजना को भी इस वर्ष से बंद कर दिया गया है,, जिला प्रशासन के द्वारा इन दिव्यांगो के लिए शिक्षा की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है,, वही सरकारी स्कूल को बंद कर के जिला प्रशासन निजी विद्द्यालय को फलीभूत करने की ओर ज्यादा आसक्त है
गौरतलब है की वर्ष 2010 से स्थानीय केदारपुर स्कूल में दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से शिक्षा व छात्रावास की व्यवस्था की गई थी लेकिन इसे इस वर्ष बंद कर दिया गया है,, जिससे वहा पढ़ रहे मजबूर बच्चे शिक्षा से महरूम हो गए है,, एक ओर सरकारे शिक्षा के अधिकार क़ानून की बाते करती है और दूसरी ओर सरकार के नुमाइंदे इन विशेष बच्चों पर कहर ढाने में ज़रा भी नहीं सोचते है,,
वही निशक्तजन सेवा संगठन की अध्यक्षा रीता अग्रवाल ने बताया की वो इस विषय में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी व सर्व शिक्षा अभियान से गुहार लगा चुकी है लेकिन उनको फंड ना होनेके कारण स्कूल बंद किये जाने का हवाला देकर चलता कर दिया जाता है,, लिहाजा तांग आकर रीता अग्रवाल ने शिक्षा विभाग से यह भी कह दिया की आप सिर्फ अपना भवन दे दीजिये फंड की व्यवस्था हमारी संस्था कर लेगी ,,लेकिन इसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने दिव्यांग बच्चों के प्रति कोई संवेदन शीलता नहीं दिखाई,,,
वही जब हमने इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिश जिला शिक्षा अधिकारी से की तो उन्होंने यह कर चलता कर दिया की “यह सर्व शिक्षा अभियान का मामला है मैं इस विषय में कुछ नहीं बता सकता” और सर्व शिक्षा अभियान का कहना है की वो कुछ कहने में असक्षम अधिकारी है,, लिहाजा दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के मार्मिक मामले में सर्व शिक्षा अभियान के करता धरता पल्ला झाड़ रहे है और शिक्षा विभाग के जिले के मुखिया कहते है की उनके विभाग का मामला नहीं है,,
वही इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह व नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंह देव् से भी की गई है,, लेकिन इन दिव्यांग बच्चों के लिए अम्बिकापुर में कब स्कूल खुल सकेगी यह कहा नहीं जा सकता,,,