लाईवलीहुड कॉलेज ने बदली अमर की तकदीर

 

       रायपुर

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के गांव पचपेड़ी, जमनीपाली का रहने वाले 25 वर्षीय अमर दास मंहत ने मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर बेराजगारी दूर की । परिवार के ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण छोटी उम्र में ही अमर के कन्धों पर बड़ी जिम्मेदारी आ पड़ी । जहां वह एक ओर अपनी बीमार मॉं का ध्यान रखता, वहीं पार्ट-टाईम जॉब करता और साथ ही अपनी पढ़ाई भी करता था । लेकिन अमर ने हार नहीं मानी और वह बखूबी अपने जिम्मेदारियों का निर्वाहन करता रहा ।
अमर के परिवार में पांच सदस्य है और आय का एकमात्र जरिया खेती किसानी है। परिवार का ज्येष्ठ पुत्र होने के नाते अमर को जल्द से जल्द नौकरी की तलाश थी । ताकि वह परिवार की जिम्मेदारी उठा सके । जहां तक उसकी शैक्षणिक योग्यता की बात है उसने वारवीं  कक्षा तक पढ़ाई की, बाद में उसने आईटीआई (इलेक्ट्रीशियन) में दाखिला लिया । लेकिन आईटीआई के बाद भी वह बेरोजगार ही रहा । एक दिन उसे राज्य शासन की लाईवलीहुड और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी मिली । लाइवलीहुड कॉलेज के तहत कोरबा स्थित वेदांत आईएल एफएस इंस्टीट्यूटी ऑफ स्किलस (वी.टी.पी.)  के बारे में जानकारी ली और प्रशिक्षण लेने स्कूल में दाखिला लिया । वायरिंग और वाइंडिंग का साठ दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने के पश्चात उसे टेक्समो इंडस्ट्रीज लिमिटेड कोयम्बटूर में नौकरी मिल गई । अमर अब रूपए 9000 से अधिक प्रति माह कमा रहा है। परिवार की जिम्मेदारी निभा रहा है।  कम्पनी ने उसकी मेहनतम और आत्मविश्वास को देखते हुए पूर्ण कालिक कर्मचारी होने के सभी फायदे दिए है।
अमर कहता की राज्य सरकार की योजना से उनकी तकदीर बदल गई । शुरूआत में काफी दिक्कतों का सामना किया है। क्योंकि उसने पहली बार गांव से बार कदम रखा है।