छत्तीसगढ़ में कोविड टीकाकरण पर लग सकता है ग्रहण, जानिए कैसे.?

टीकाकरण कर्मी स्वास्थ्य संयोजक भी आंदोलन के राह पर

• 23 जनवरी को होगा प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं रैली प्रदर्शन

रायपुर. रविवार को चंद्राकर छात्रावास डंगनिया में स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ का बैठक का आयोजित किया गया. जिसमे प्रांत, जिला और ब्लॉक के पदाधिकारी उपस्थित हुए. बैठक के दौरान नए वर्ष की बधाई देते हुए वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया गया व आंदोलन के लिए कर्मचारियों द्वारा रणनीति तैयार किया गया.

संघ के प्रांताध्यक्ष टार्जन गुप्ता और प्रदेश सचिव प्रवीण ढ़ीडवंशी ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी कोरोना काल से बिना अवकाश के कार्य कर रहे है. स्वास्थ्य संयोजकों की 20 वर्षों से व्याप्त वेतन विसंगति दूर कर 2800 ग्रेड पे करने की मांग कर रहे है. कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में भी स्वास्थ्य संयोजकों की मांग शामिल है, स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोरोना भत्ता देने की घोषणा और स्वास्थ्य कर्मचारियों कि वेतन वृद्धि की घोषणा के बाद भी शासन द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है. जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और आंदोलन के लिए विवश है.

संघ के उप प्रांताध्यक्ष मिर्जा कासिम बेग, मीडिया प्रभारी हरीश सन्नाट ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक टीकाकरण, प्रसव के साथ-साथ सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं विभिन्न योजनाओं को भी कोरोना काल में सेवाए दे रहे है. ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियो की अनदेखी ठीक नहीं है.

महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सरोज बघमार और महामंत्री आरके अवस्थी ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों द्वारा कोविड जांच भी किया जा रहा है. इसलिए शासन को स्वास्थ्य कर्मियों की मांग पर यथाशीघ्र उचित निर्णय लेते हुए त्वरित कार्यवाही करना चाहिए.

बैठक में संघ के प्रतिनिधि मंडल में रामशिला साहू, के. रिजवी खान, आर के शर्मा, मो. जहांगीर, हरीश जायसवाल, सुरेश पटेल के साथ सैकड़ों कर्मचारी उपस्थिति रहे.