फिल्म आदिपुरुष के विरोध में उतरे शहर के युवावर्ग, बोले- यह प्रभु श्री राम और वाल्मीकि रामायण का घोर अपमान हैं!

Baikunthpur News…मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम भारत वर्ष के सनातन धर्मीयों…और सभी के आस्था के केंद्र हैं। रामायण और रामचरितमानस के साथ एक बड़े वर्ग की आध्यात्मिक भावनाएं जुड़ी हैं..और इसके प्रति बालक से लेकर वृद्ध तक अरबों के मन श्रद्धा हैं ..और लोगो के मन में प्रभु श्री राम, माता सीता, हनुमान भक्त शिरोमणि की मनमोहक छवि अंकित हैं। ऐसे में अगर इसके साथ खिलवाड़ किया जाए तो स्वाभाविक सी बात हैं। जनास्था पर कुठारा घात का होना..और इसका विरोध होना। कहा कि, 80 के दशक में निर्मित रामानंद सागर कृत रामायण जिसके चरित्र पटकथा संवाद आज भी जीवंत हैं। अरुण गोविल,दीपिका चिलखिया, सुनील लहरी, डरा सिंह और अरुण त्रिवेदी सरीखे कलाकारों ने अपने रोल में जान फूंक दी थी..और आज यह आदिपुरुष।

गौरतलब हैं कि, निर्माता निर्देशक ओम राउत ने 500 करोड़ के बजट से वीएसएफ और एनिमेशन का प्रयोग करके साउथ के सुपर स्टार प्रभास और बॉलीवुड की अभिनेत्री कृति सेनन को लेकर आदिपुरुष फिल्म का निर्माण किया हैं। जिसका पटकथा और संवाद लिखा हैं मनोज मुश्तिर ने। उक्त फिल्म किसी बड़े युद्ध और योधाओ की कहानी होती तो स्वीकार्य भी रहती हैं। लेकिन, उक्त फिल्म भगवान श्री राम और रामायण से संबंधित होते हुए फूहड़, बचकाना और अमर्यादित फिल्मांकन लोगो को रास नहीं आ रहा हैं। जिसका व्यापक विरोध किया जा रहा हैं।

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में युवा सहित कई उतरे सड़क में-

फिल्म के विरोध में सोमवार 19 जून को जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कई रामभक्त सनातनप्रेमी और शहर के युवाओं ने शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज। इस अवसर पर सबने फिल्म का बायकाट करने की अपील की और फ्लैक्सी बैनर के माध्यम से लोगो को जागरूक किया।

रामायण के साथ खेलवाड़ बर्दाश्त नहीं- मोनू

इस अवसर पर युवा नेता एल्डरमैन मोनू मांझी ने कहा कि, श्री राम हमारे जैसे करोड़ों सनातन प्रेमियों के आराध्य हैं। प्रभु हनुमान सीता मां और यहां तक कि रामायण के किसी भी पात्र के लिए गलत फिल्मांकन को किसी को भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।


इस संबंध में साहित्यकार और लेखक एस. के.”रूप” ने उक्त फिल्म पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह फिल्म उन सभी भारतवासी के लिए केवल कचड़ा और मजाक है जिन्हे अपने आराध्य देव प्रभु श्री राम नारायण के नर रूप पर गर्व है अभिमान है। यह फिल्म वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी कृत रामचरित मानस का घोर अपमान है। चरित्र चित्रण,पटकथा संवाद सभी अपरिपक्व और बेहूदें है। जो सनातन प्रेमियों के लिए कुठाराघात है।

गंगा श्री सेनेप्लेक्स के संचालक से फिल्म ना दिखाने की अपील और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

शहर के लोगों ने एकस्वर में उक्त फिल्म का विरोध किया। युवा वर्ग ने खासा जोश और उत्साह दिखाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संयुक्त कलेक्टर सीदार ने भी युवाओं की प्रशंसा करते हुए ज्ञापन लिया।इसके साथ ही शहर के एक मात्र गंगा श्री सिनिप्लेक्स के मालिक और संचालक आस्तिक शुक्ला से उक्त फिल्म को प्रदर्शित नही करने हेतु अपील किया।

ज्ञापन देने और विरोध प्रदर्शन में मोनू मांझी, संवर्त कुमार रूप, आशु कुजूर, पवन मलिक, छवि ओम वर्मा, ऋषी नाविक, ऋषिकांत, क्रिश, निलेश केवट, विकाश नाविक, निलेश पाल, रचित शर्मा, ऋतिक सोनी, गजेंद्र गुप्ता, दिनेश मिश्रा, अंकित साहू, सुमित यादव, सोनू प्रधान, योगेश काशी, प्रशांत प्रताप सिंह, सुनील शर्मा सहित भारी संख्या में शहरवासी उपस्थित रहे।

आपको बता दें, उक्त फिल्म में माता सीता का किरदार बॉलीवुड की हिरोइन कृति सेनन को चोली में,बाल खुले हुए और भगवान के साथ रोमांस करते दिखाया गया हैं। जो बिलकुल भी उचित और मर्यादित नही लगता। अपने भगवान के प्रति ऐसे दृश्य कोई भी देख के उक्त फिल्म का बहिष्कार करता ही।

फिल्म में साउथ के सुपर स्टार प्रभास को भगवान राम के किरदार में दिखाया हैं। जो बिल्कुल नही जम था। साथ ही कही-कही पर चमड़े और सैंडल को धारण करते दिखा दिए हैं। खड़ऊ और जनेऊ आदि को तो स्थान ही नही दिया गया हैं।

आदिपुरुष का पटकथा और संवाद लिखा हैं मनोज मुंतशिर ने। जो खुद को देशभक्त और आध्यात्मिक साबित करते नही थकते। उन्होंने ऐसे घटिया संवाद का प्रयोग कर डाला हैं। वो भी भगवान हनुमान के किरदार में जो जो किसी भी रूप में हनुमान जी जैसी छवि तक नही बनाता। मेघनाथ द्वारा पूछ में आग लगा देने के बाद कहा जाता हैं जली न। अब पता चलेगा जलती हैं तो कैसा लगता हैं। इस पर हनुमान जी का संवाद हैं तेल तेरे बाप का। कपड़ा तेरे बाप का आग तेरे बाप की तो जलेगी भी तेरे बाप की। इसके साथ ही जो हमारी बहन बेटियों को छुएगा हम उसकी लंका लगा देंगे। बुआ का बगीचा समझ के घूमने चला आया भाग यहां से। सपोले ने शेष को लंबा कर दिया अभी एक ने ये हाल कर दिया हमारे पास तो पिटारे भरे पड़े हैं। उक्त डायलॉग को लोगो ने सरे से नकार दिया हैं..और सभी ओर डायलॉग राइटर की थू थू हो रही हैं।

इस फिल्म में रावण का चरित्र निभाया हैं सैफ अली खान ने। जिसमे उनका हेयर कट और दाढ़ी और पहनावा एक मुगल आक्रांता के सदृश्य ही दिख रहा हैं। साथ ही रावण को भारी अजगरों से मसाज लेते दिखा दिया हैं। रावण को भी खड़ऊ मुकुट कुछ नही पहिनया गया हैं। उल्टे उसे भी चमड़े के वस्त्र पहिना दिए हैं। जबकि रावण एक प्रकांड पंडित रहा हैं। जिसे वेदों का शास्त्र का बढ़िया ज्ञान रहा। जिसे देख कर स्पष्ट पता चलता हैं की या तो वाल्मीकि कृत रामायण का अध्ययन नही किया गया। यह जानबूझ कर नवीनता का बहाना करके धार्मिक भावनाओं को आहत किया जाने का षडयंत्र रचा गया हैं। इसके अलावा, फिल्म में पुष्पक विमान को चमगादड़ दिखा दिया गया हैं। इसके साथ ही, रावण की सोने की लंका को कोयला खदान बना दिया गया हैं।

क्या कहना हैं मनोज मुंतशिर का-

जानबूझ कर इतनी बड़ी गलती करने के बाद भी पटकथा संवाद लेखक मनोज मुंतशिर अपने पूर्व के अच्छाइयों का हवाला देते नजर आए और ट्वीट भी किया की मेरी अच्छाइयों को नही देखा गया जबकि उन्हें लता होना चाहिए। आपकी अच्छाई तब तक आपके साथ हैं। जब तक आप कोई बुरा काम नहीं करते। जिससे यह पता चलता हैं कि, लेखक घमंडी किस्म के व्यक्ति हैं। जिन्होंने करोड़ों राम भक्तों के संवेदनाओं और आध्यामिक भावनाओ से खेलवाड करके भी अपनी बाते ही सही लग रही हैं। मुंतशिर ने कहा कि, अगर लोग आहत हो रहे हैं तो उन डायलॉग को बदलने की कोशिश की जाएगी। इसके पहले उन्होंने कहा कि, ये रामायण ही नही हैं। उसके पहले उन्होंने कहा था कि, फिल्म के डायरेक्टर ने सीता मां को छूने नही दिया और कहा कि, वो उनकी मां हैं। अब एक तरफ तो मनोज कहते हैं कि, यह रामायण ही नही हैं। एक तरफ कहते हैं कि, रामायण त्रेता युग की बात थी ये कलयुग का बदलाव हैं। दूसरे तरफ कहते हैं कि, युवाओं को देखकर संवाद लिखा गया हैं। मनोज पल-पल में अपने ही बयान से पलटे जा रहे हैं। लगता हैं कि, उन्हे सन्निपात हो गया हैं।

पहले दिन की कमाई के बाद दूसरे दिन से फिल्म औंधे मुंह –

इस अमर्यादित फिल्म की पहले दिन की कमाई बढ़िया रही लेकिन जैसे ही दर्शकों ने उक्त फिल्म को देखा सबने ही इसका विरोध किया चरित्र का पात्र का और तो और डायलॉग का। लोगो ने कहा कि, इस फिल्म में रामायण का राम का, सीता मां का हनुमान जी का और रावण का मजाक बना के रख दिया हैं।