Big Breaking: सक्ती विधानसभा से डॉ चरण दास महंत के चुनावी गणित बिगाड़ने राठौर व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने ठोकी ताल…कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के सामने किया शक्ति प्रदर्शन…सक्ती विधानसभा से की टिकट मांग…

जांजगीर-चांपा (संजय यादव)…सक्ति विधानसभा क्षेत्र से राठौर समाज से प्रतिनिधित्व कर रहे मनहरण राठौर सहित आदिवासी समाज के कर्ताधर्ता वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पूर्व मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने दत्तक पुत्र के लिए जांजगीर पहुचे छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा के सामने अपनी दावेदारी पेश किया हैं। कुमारी शैलजा के समाने सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन कर सक्ति विधानसभा में अपने मौजूदगी पेश करते हुए दमदारी दिखाया हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने दत्तक पुत्र धर्मेंद्र के लिए टिकट की मांग की हैं। तो वहीं राठौर समाज के पदाधिकारीओ ने पूर्व विधायक प्रत्याशी मनहरण राठौर के लिए टिकट की मांग की हैं। इस तरह सक्ति विधानसभा की सियासत में फिर उबाल देखने को मिला. मौजूदा विधायक डॉ चरणदास महंत के खिलाफ विरोध खुल कर सामने देखने को मिला हैं। जो कभी सक्ति के मौजूदा विधायक डॉक्टर चरण दास महंत करीबी माने जाते थे। वह आज विधायक के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसे यही लगता हैं कि, अब चरण दास महंत के चुनावी गणित बिगाड़ने में चुनाव में इनकी भूमिका अहम रहेगी। आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं,जहां कांग्रेस को सत्ता में आने के लिए बहुमत साबित करना हैं। वहीं कांग्रेस नेता आपस में भीड़ते दिख रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत की विधानसभा में इस तरह कांग्रेसियों में मतभेद यह बताने में काफी हैं कि, डॉ चरणदास महंत की मौजूदा स्थिति ठीक नहीं हैं। वहीं उनके कार्यकर्ता एवं आम जन उनसे दूर होते जा रहे हैं।

आपको बता दें कि मनहरण राठौर जो राठौर समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं ओबीसी वर्ग से सक्ति क्षेत्र के बड़े नेता के रूप में माने जाते हैं. तो पूर्व मंत्री, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह आदिवासीयो के भगवान माने जाते हैं जिसकी पकड आदिवासी वर्ग में दशकों से चली आ रही है. इन दोनों बड़े नेताओं की नाराजगी से जरूर सक्ति विधानसभा में उठा पटक देखने को मिल सकता है. वहीं इसका खामियाजा मौजूद विधायक चरण दास महंत को भी भुगतने पड़ सकते हैं. समय आने पर अगर सब चीज ठीक हो जाता है तब तब तो ठीक है, अगर बात नहीं बनी तो इसका दुष्परिणाम विधानसभा चुनाव में जरूर देखने को मिलेंगे। 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो डॉ चरणदास महंत आखरी वक्त में अपना पत्ता खोले थे। जब तक डॉक्टर चरणदास महंत पूरी तरह अस्वस्थ हो गए कि, अब मेरे विरोध में राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह एवं राठौर समाज नहीं है। तब जाके उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था…और इसका परिणाम जीत के रूप में तब्दील हुआ था। अभी भी डॉ चरण दास महंत को आशंका हैं कि, अगर ये दोनो बड़े नेता उनके विरोध में चले जाते हैं। तो बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।