एक तरफ पेट्रोलयम प्रदार्थो की बढ़ी कीमतो को देखते हुए इसके कम खर्च को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है ,, तो कोरबा में जिले में एक विभाग ऐसा भी है ,, जंहा बेवजह डीजल की फिजूलखर्ची का फार्मूला अपनाया जा रहा है। आलम ये है कि गाड़िया महज डीजल भरवाने के लिए १०० किलोमीटर से ज्यादा का सफ़र तय करती है और ये व्यवस्था उस योजना कि है जिसे शासन ने महतारी एक्सप्रेस के नाम से सुरक्षित प्रसव के लिए अपनाया है।
१०२ पर फोन लगाइये और गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने कि सुविधा पाइये जी हां ये शासन ने ये महती योजना शुरू कर लोगो को काफी हद
तक राहत पहुंचाते हुए सुरक्षित प्रसव शुरू करने कि कोशिश कि है और इसका लाभ आम लोगो को मिल भी रहा है, मगर कोरबा जिले में इस योजना के लाभ को लेकर न सिर्फ इसके स्टाफ बल्कि हितग्राही भी संसय में रहते है और क्योकि इन वाहनो के लिए मे डीजल भरवाने के लिए वाहन चालको को जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है ! दरअसल कोरबा जिले में १० महतारी एक्सप्रेस मिले है जिसमे से कई एम्बुलेंस दूरस्थ अंचलो में है और इन्हे डीजल के लिए कोरबा आना पड़ता है जिससे न सिर्फ प्रसव के केश लेने में दिक्कत होती है बल्कि अतिरिक्त हजारो के डीजल और व्यर्थ समय भी खर्च करना पड़ता है !
महतारी एक्सप्रेस कि सुविधा न सिर्फ शहरो बल्कि ग्रामीण क्षेत्रो में देने कि योजना तो है ,मगर कोरबा जिले के महतारी वाहन डीजल के लिए कोरबा आने को मजबूर है क्योकि वाहन चालक या प्रभारी के पास पेट्रो कार्ड का नहीं है,, इस कारण इन्हे कोरबा के अलावा डीजल कही भी नहीं मिल पाता है ऐसे मे इसके स्टाफ को इससे काफी परेशानी हो रही है मगर १०२ के इंचार्ज इससे इत्तेफाक नहीं रखते वो जरुर ही व्यवस्था में सुधार कि दलील तो दे रहे है लेकिन फिलहाल इस अव्यवस्था से उनको कोई परेशानी नही है !
बहरहाल अधिकारी भले ही किसी परेशानी से इंकारकररहे हो मगर सिर्फ डीजल के लिए १०० किलोमीटर का सफ़र तय करना और फिजूल के समय को खर्च करना कही से भी जायज नहीं इससे न सिर्फ हितग्राहियो को समय पर लाभ से वंचित होना पड़ रहा है बल्कि फिजूलखर्ची भी हो रही है !
महतारी एक्सप्रेस के ड्रायवर उमेश चौहान
डीजल के लिए कोरबा आना पड़ता है, १०० किलोमीटर आना पड़ता है, केश नहीं ले पाते है !
महतारी एक्सप्रेस प्रभारी राजेश पाठक की दलीले..
अभी अभी ही शुरू हुआ है जल्द ही सुधार हो जाएगा, कोई परेशानी नहीं है !