कवर्धा. प्रदेश के कई जिलों में मौसम के हालात खराब होते जा रहे हैं। तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। इधर कवर्धा के पेलपर गाँव में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गयी है। बारिश के कारण बरगद के पेड़ नीचे दोनों बैठे थे इसी बीच बिजली गिरने से दोनों की मौत ही गयी। मृतक ननकू साहू 54 वर्ष और परमानंद पटेल की मौके पर मौत हो गई। बता दे कि रात से जिलेभर में तेज गरज चमक के साथ बारिश का सिलसिला जारी है। लोहारा थाना क्षेत्र की घटना है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के 22 जिलों में मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम वैज्ञानिक एच पी. चंद्रा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक साइक्लोनिक सरकुलेशन राजस्थान के ऊपर में बना हुआ है, इन दोनों के कंबाइंड के कारण बंगाल की खाड़ी से वज्रपात में नमी आ रही है, साथ ही एक द्रोणिका है जो कर्नाटक से लेकर झारखंड तक उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए गया है, जिसके कारण से पूरे प्रदेश भर में कुछ स्थानों में हल्की से बारिश निर्मित हुई है। आने वाले 24 घंटे में अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों में बारिश के साथ आंधी चलने वज्रपात होने और ओलावृष्टि की भी संभावना है।कांकेर के चारामा में ओलावृष्टि दर्ज हुई है। यह जो स्थिति है वह आने वाले 20 मार्च तक बने रहने की संभावना हैं।
आकाशीय बिजली गिरने पर क्या करें?
– बिजली गिरते वक्त बाहर हैं तो किसी इमारत में शेल्टर लें। अगर वहां बिल्डिंग नहीं हैं तो कार, किसी वाहन या कठोर परत वाली जगह के नीचे चले जाएं।
– पेड़ सुरक्षा का बेहतर विकल्प नहीं हैं, क्योंकि वे बिजली को अपनी ओर खींच सकते हैं।
– अगर आप कहीं शेल्टर नहीं ले सकते तो कम से कम इलाके की सबसे ऊंचे वस्तु जैसे टावर से दूर रहें।
– आसपास एक-दो पेड़ हैं तो खुले मैदान में ही कहीं झुककर बैठ जाना सबसे बेहतर है।
– खिड़कियों, दरवाजे और बरामदे में भी न जाएं। घर में किसी धातु के पाइप को भी न छुएं। हाथ धोने या शॉवर का उपयोग न करें।
– ऐसे वक्त बर्तन या कपड़े धोने का जोखिम भी न मोल लें।
– अगर किसी पानी वाली जगह हैं तो तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें।
– पानी में छोटी नाव, स्विमिंग पूल, झील, नदी या जल के किसी भी अन्य स्रोत में नाव आदि पर सवार हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं।
– जब आप बिजली के आवेश में आते हैं तो बाल या रोएं खड़े हो जाते हैं, ऐसे में तुरंत ही जमीन पर लेट जाएं।
– वज्रपात जानवरों के लिए भी खतरा है, पेड़ के नीचे बारिश से बचने को खड़े जानवरों पर अक्सर बिजली जानलेवा साबित होती है।
– बच्चों को बिजली के किसी भी उपकरण से दूर रखें।
– मोबाइल चार्ज या किसी अन्य उपकरण को प्लग करने के साथ उसका इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
– ज्यादा देर तक बिजली कड़कती है तो स्थानीय राहत और बचाव एजेंसी से संपर्क साध सकते हैं
– अगर बिजली चली भी जाए तो भी इलेक्ट्रिक उपकरणों या स्विच को बार-बार न छुएं।