प्राचीन कर्मघोंघा जल प्रपात में एक बूंद पानी नहीं : पर्यटक मायूस

सूखे कि मार पर्यटन स्थल पर : पर्यटक मायूस

कोरिया (बैकुन्ठपुर से जगजीत सिंह की रिपोर्ट)
बैकुन्ठपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमिटर दूर मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर स्थित प्रचीन कर्मघोघा जल प्रपात में इस वर्ष एक बून्द पानी नहीं गिर रहा है जिले सहित प्रदेश में औसत से कम हुई बारिश ने न जाने क्या दाग छोड़ा की जिस जल प्रपात पर बारहो महीने पानी गिरता था वह जल प्रपात इस बार पूरी तरह सुखा है।
गौरतलब है कि इस वर्ष पूरे राज्य में औसत से काफी कम बारिश हुई है जिस वजह से कई जिले व तहसील सुखा ग्रस्त घोषित किए गये है और कोरिया जिले के भी सभी पाॅंचो तहसील सरकारी सर्वे के मुताबित सूखा ग्रस्त घोषित किये गये और अब इस सूखे का असर कोरिया जिले के पर्यटन स्थल पर भी पड़ा है। यही कारण है की प्रचीन कर्मघोघा जल प्रपात में इस वर्ष एक बून्द पानी नहीं गिर रहा है जबकी कर्मघोघा जल प्रपात पर बारह महीने पानी गिरता था । वह जल प्रपात इस बार पूरी तरह सुखा है। प्रचीन कर्मघोंघा जल प्रपात जहा हर वर्ष काफी तदात में पर्यटक यंहा आते है पर इस वर्ष उन्हे प्रचीन जल प्रपात का वह खूबसूरत नजारा देखने को नहीं मिल रहा है जिस वजह से इस वर्ष पर्यटक मायूश और निराश है।
कैसे पंहुचे पर्यटकkaramgonge
इस प्राचीन जल प्रपात को कौन नहीं जानता इसके बावजूद यहाँ पहुंच पाना काफी कठनाईयो भरा सफर रहता है सैलानी काफी दुर से जल प्रपात का नजारा देखने को आते तो है पर इसके लिए कुछ दुर पैदल जाना पडता है काफी प्रसिद्ध होने के बावजूद जल प्रपात पर शासन की निगाहेकरम नहीं पड़ी, ग्राम भलौर के बाद कर्मघोघा जल प्रपात जाने वाले सड़क पर लगभग 05 किलोमीटर सड़क बिलकुल ही खराब है पिकनिक व सैर-सपाटे के लिए भारी संख्या में लोग इस स्थान पर आते हैं। लोग यहाँ परिवार के साथ पिकनिक का अनुभव लेने आते है पर उन्हें सड़क की कमी खलती है
प्रपात की सुन्दरता
यूं तो समूचे कोरिया ज़िला अपने पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरा पड़ा है। कर्मघोघा कोरिया में प्रसिद्ध जल प्रपातों मे से karmgonge waterfall 3एक है। यह झरना मनेन्द्रगढ़-बैकुन्ठपुर सड़क पर स्थित है। जिसका जल लगभग 70 फीट की ऊंचाई से गिरता है और काफी उचाई से गिरने के कारण ही प्रपात की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं।

पर्यटन स्थल के साथ धार्मिक स्थल में भी पहचान

कर्मघोघा जल प्रपात के समीप एक बहुत ही प्रचीन कर्मघोंघेश्वर धाम है जहाँ हर वर्ष महाशिवरात्री में विशाल मेला का आयोजन किया जाता है जिस दौरान यहाँ हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित होती है। इस मंदिर का निर्माण 08 मार्च1986 में किया गया था जब यह इलाका अविभाजीत मध्यप्रदेश में आता था। कर्मघोंघेस्वर धाम में आदि शक्ति माॅ दुर्गा, संकन्ट मोचन बजरंगबली और कर्मघोंघेस्वर मंदिर स्थित है यहा लोगो के आस्था के मुताबित अब यह स्थल पर्यटन के साथ ही साथ अब धार्मिक स्थल भी बन चुका है।