छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के नरहरपुर के एक वार्ड में मंगलवार की रात को भालू आ गया और घर के पीछे खाली जगह पर बने कुएं में गिर गया। भालू की आवाज से आसपास के रहवासी कुएं के पास पहुंचे तब इसकी जानकारी हुई। सूचना पर रात में ही वन विभाग का अमला पहुंचा और भालू को कुएं से निकालने रेस्क्यू अभियान चलाया। लगभग 9 घंटों की मशक्कत के बाद बुधवार की सुबह भालू को कुएं से बाहर निकाला जा सका। भालू को ठंडे पानी से बचाने कुएं में बांस की चैली बनाकर डाला गया, जिसमें वह रातभर बैठा रहा। सुबह भालू के बाहर निकले के बाद वन अमले ने राहत की सांस ली।
मिली जानकारी के मुताबिक नरहरपुर के वार्ड क्रमांक- 9 स्थित दयाबत्ती कुंजाम के घर की पीछे हिस्से में बाड़ी है। इस बाड़ी में निस्तारी के लिए कुआं भी बनाया गया है। मंगलवार की रात भालू गांव आया और कुएं में गिर गया। सूचना मिलने के बाद वन अमला रात में ही मौके पर पहुंच गया और भालू को कुएं से बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। भालू को बाहर निकालने कुएं में सीढ़ी डाली गई, लेकिन सीढ़ी के सहारे भालू ऊपर नहीं आ पा रहा था। भालू के अत्याधिक वजन होने के कारण सीढ़ी भी दो बार टूट गई। सुबह होने पर फिर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। कुएं में खाट (चारपाई) डाली गई, जिसमें भालू के बैठने के बाद वनकर्मियों ने रस्सी को ऊपर खींचा। इसके बाद भालू कुएं से बाहर निकला और जंगल की ओर चला गया।
वनपाल कमलेश दुबे ने बताया कि रात एक बजे भालू के कुएं में गिरने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद अमला मौके पर पहुंचा और सीढ़ी डालकर भालू को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन कुएं की गहराई, पानी अधिक होने और भालू के बड़े आकार के कारण सीढ़ी टूट जा रही थी। बार-बार प्रयास के बाद भी भालू के बाहर नहीं निकल पाने पर उसे ठंडे पानी से ऊपर रखने कुएं में बांस की चैली बनाकर डाला गया। इस पर भालू रातभर बैठा रहा। लगभग आठ से नौ घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद सुबह चारपाई डालकर वनकर्मियों व ग्रामीणों की मदद से भालू को सुरक्षित बाहर निकाला गया।