छत्तीसगढ़ में निजी यात्री बस संचालकों ने यात्री किराया में बढ़ोतरी समेत दो मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अनवर अली ने मंगलवार को बताया कि आज रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर महासंघ ने एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना दिया। अली ने बताया कि 13 जुलाई से छत्तीसगढ़ में बसों के अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया गया है। इससे राज्य के 12 हज़ार बसों के पहिये थम जाएंगे और मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस संचालक डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बस संचालन में असमर्थ साबित हो रहे हैं। महासंघ ने यात्री किराया में बढ़ोतरी समेत दो मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किया है। महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में डीजल के मूल्य में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। जिससे बसों की प्रतिदिन की सकल आय से ज्यादा खर्च में बढ़ोतरी हो गई है।
अली ने कहा कि बस संचालक पिछले साल मार्च में कोरोना के प्रकोप के बाद से अलग-अलग समय पर लगाए गए लॉकडाउन का खामियाजा भुगत रहे थे और अब डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि महासंघ की दूसरी मांग उस नियम को रद्द करने की है जिसमें कहा गया है कि केवल दो महीने तक उपयोग में नहीं आने वाले वाहनों के कर के भुगतान में छूट दी जाएगी। अली ने बताया कि 2009 में (राज्य में भाजपा सरकार के दौरान) बनाए गए नियम के अनुसार वाहन संचालकों को उन वाहनों का भी कर देना होता है जो दो महीने से अधिक समय तक उपयोग में नहीं हैं। अली ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी बसों की हड़ताल जारी रहेगी।