अम्बिकापुर
थाना उदयपुर अंतर्गत ग्राम नारायणपुर की वृद्ध महिला ओती बाई द्वारा कलेक्टर के जनदर्शन में मुआवजा प्राप्त राशि को हड़पने की शिकायत की गई थी। शिकायत जांच के लिए थाना उदयपुर में प्रतिवेदन आने के बाद पुलिस द्वारा एस पी सरगुजा के निर्देशन में जांच की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुये प्रार्थिया के करीबी रिश्तेदार जिनका नाम शिकायत आवेदन में शामिल था उन लोगों से पुछताछ की गयी। पुछताछ के दौरान नारायणपुर निवासी धनकुंवर पति सेठराम उम्र 70 वर्ष एवं उसके पुत्र निरंजन के द्वारा छलपूर्वक धनकुंवर के खाते की राशि को अपने खाते में जमा कराना स्वीकार किया गया। धनकुंवर का एक और पुत्र हीरासाय भी इस हेराफेरी में शामिल है जो पुलिस गिरफ्त से बाहर है। ओती बाई के कोई भी वारिस नहीं होने की वजह से वह अपने भतीजों को साथ ले जाकर बैंक में लेन देन करती थी। ओती बाई एवं धनकुंवर दोनों का बैंक खाता सरगुजा क्षेत्रीय ग्रामीण के डांडगांव शाखा में है। जांच के दौरान बैंक से पुलिस को प्राप्त दस्तावेज के अनुसार 27 नवम्बर 2009 को ओती बाई के द्वारा दो निकासी पर्ची दिया गया था जिसमें एक में दस हजार की राशि एवं दूसरे में छब्बीस लाख की राशि अंकित थी। दस हजार रूपये का नगद आहरण किया गया था और छब्बीस लाख रूपये को ओती बाई के खाते से धनकुंवर के खाते में अंतरण किया गया था। ओती बाई को कुछ दिनों बाद ज्ञात हुआ की उसके खाते से लाखों रूपये गायब है। निरक्षर होने का फायदा उठाकर आरोपी के द्वारा इस तरह की हेराफेरी को अंजाम दिया गया। पुलिस द्वारा मामले में धारा 420, 294, 506 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर हेराफेरी के आरोपी महिला एवं उसके पुत्र को न्यायालय में पेश किया गया। उक्त कार्यवाही में सहायक उप निरीक्षक संतोष सिंह, आरक्षक मकरध्वज सिंह, संजीव चैबे, अजय शर्मा, आनंद पैकरा, लाल भुवन सिंह सक्रिय रहे।