बालोद..छत्तीसगढ़ में सरकार पूर्ण शबबन्दी की कवायद में जुटी हुई है..और तो और सरकार ने शराब दुकानों की संख्या कम करते हुए..शराब दुकानों की ठेका पद्धति को ही बंद कर दिया है..बावजूद इसके कुछ सफेदपोश नेताओ की शह व आबकारी विभाग की मिलीभगत से खुलेआम शराब की अवैध बिक्री करने तथा लोगो को शराब सेवन कराने की सुविधा उपलब्ध कराने का मामला सामने आया है..वही अब इस मामले के सामने आने के बाद आबकारी विभाग अपना पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है..
दरअसल जिलामुख्यालय में कुछ रसूखदारों की शह की पर बियर बार का कारोबार फल फूल रहा है..इस मामले में सबसे अहम बात तो यह है..की बगैर किसी लायसेंस के इन बियर बारो का संचालन प्रशासन के नाक निचे किया जा रहा है..और रसूखदारों का खौफ इतना है..की लोग इस सम्बंध में आवाज उठाने से भी बच रहे है..
वही जिले के आबकारी अधिकारी जे.आर.मण्डावी को यह पूरा मामला पता है..लेकिन उनका भी इस मामले मे कार्यवाही करने से पीछे हटना कई सन्देहों को जन्म देता है..
बता दे कि पहले शराब दुकानों की टेंडर की प्रक्रिया होती थी .जो कलेक्टर की देख रेख में ही होती थी..और बियर बार का लाइसेंस भी कलेक्टर के द्वारा ही जारी किया जाता है..लेकिन यहाँ लायसेंस के नाम पर भारी पैमाने हो रहा यह धंधा समझ से परे है..