
बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज के फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय ने नाबालिक से दुष्कर्म और मानव तस्करी से जुड़े सनसनीखेज मामले में सख्त रुख अपनाते हुए तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आरोपी महेंद्र खैरवार (36) ग्राम गिरवानी, उसकी पत्नी कबिलासो (33) और सहयोगी ठाकुरदास कुशवाहा (36) ग्राम रघुनाथनगर को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले की पैरवी लोक अभियोजक राजेंद्र गुप्ता ने की।
यह मामला 24 फरवरी 2023 को प्रकाश में आया था, जब रघुनाथनगर थाने में पीड़िता के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। दरअसल, नाबालिक लड़की को आरोपी पति-पत्नी अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गए थे और शादी का झांसा देते हुए 50 हजार रुपये तथा मोबाइल दिलाने की बात कही थी। इसके बाद पीड़िता को झांसी ले जाकर जबरन शादी कराने की कोशिश की गई और उसे लंबे समय तक अपने कब्जे में रखा गया। इस दौरान पीड़िता को बार-बार यौन शोषण का शिकार बनाया गया।
मुख्य आरोपी महेंद्र खैरवार ने अपनी पत्नी और दोस्त ठाकुरदास के साथ मिलकर लगभग दो सप्ताह तक पीड़िता को अपने घर और जंगल में छुपाकर रखा। दिन में उसे जंगल में छुपाया जाता था जबकि रात में घर बुलाकर दुष्कर्म किया जाता था। इतना ही नहीं, आरोपी की पत्नी खुद पीड़िता को महेंद्र और ठाकुरदास के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाती रही और लालच के रूप में रुपये देने की बात कहती रही।
मामले की गंभीरता को देखते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए सख्त सजा सुनाई है। यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है बल्कि ऐसे मामलों में समाज के लिए कड़ा संदेश भी है।