बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है..जहाँ की आधी से ज्यादी आबादी कृषि पर ही निर्भर है..और सरकार राज्य के किसानों के हितों में कई योजनाएं भी संचालित कर रही है..और कृषि कार्य पर बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है..वही जिले के बलरामपुर ब्लाक के किसानों के लिए बनी परियोजना ही आज किसानों के समस्या का कारण बन गई है..और अब तमाम आश्वसनो के बाद किसान भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो गए है..जिसकी लिखित सूचना भी कलेक्टर को दे दी गई है..
दरअसल आज जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव के नेतृत्व में किसान हर बार की तरह कलेक्टोरेट पहुँचे थे..लेकिन इस बार किसान किसी मांग व शिकायत को लेकर नही पहुँचे थे..बल्कि वे यह बताने पहुँचे थे..कि वे 17 अक्टूबर से भूख हड़ताल करने वाले है..और प्रशासन उनकी मजबूरियों को नजरअंदाज कर रहा है..
बता दे कि जिले के बलरामपुर ब्लाक में बीते कुछ वर्षों से सिंचाई के संसाधनों का विस्तार करने के नामपर करोड़ो की लागत से दो बड़ी परियोजना की आधारशिला रखी गई थी..जिनमे खुटपली व्यपवर्तन और तुर्रापानी जलाशय शामिल थे..और इस परियोजना से सैकड़ो की संख्या में क्षेत्र के किसान प्रभावित हुए थे..किसान इसलिए प्रभावित है..क्योंकि उनकी खेतिहर भूमि डुबान क्षेत्र में है..जबकि कई किसानों की खेत नहर की चपेट है..ऐसे में किसानों ने मुआवजे की मांग स्थानीय प्रशासन से की थी..बावजूद इसके उन्हें मुआवजा नही मिलने पर वे आक्रोशित है..
किसानों के लिए बनी इस परियोजना का निर्माण कार्य एजेंसी जल संसाधन विभाग ने बगैर समय गवाएं तो शुरू कर दिया था..लेकिन इस जल्दबाजी में जिम्मेदार अधिकारियों ने जमीन का सर्वे नही किया..और काम अपने गति पर था..किसान अधिकारियों के आश्वासनों पर ही टिके थे..और उन्हें कुछ हाथ नही लगा..
वही किसानों ने जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव की अगुवाई में कई बार इन दोनों बड़ी परियोजनाओं का काम भी बंद कराया..और कई दौर की चर्चाएं अधिकारियों से होती रही..बावजूद इसके प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का पहल नही होता देख ..अब किसानों ने 17 अक्टूबर से भूख हड़ताल करने का अल्टीमेटम स्थानीय प्रशासन को दे दिया है..जिसके बाद से हड़कम्प मच गया है..