कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के नाम पर ठग रहे फर्ज़ी कंपनी.. मोटी रकम लेकर हो रहे फ़रार

अम्बिकापुर। अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने अम्बिकापुर एसडीएम और थाना गांधीनगर, अम्बिकापुर में शिकायत किया है कि लगातार सरगुजा जिले में फर्जी कंपनियों के द्वारा सरगुजा के भोले-भाले ग्रामीण एवं शहरी युवकों को रोजगार दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेकर फरार हो जाया जा रहा है। जिससे युवक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।

इसी तरह की कंपनी मनेंद्रगढ़ रोड में बैंक ऑफ इंडिया के ऊपर स्थित है। इसका नाम आईटीएम कंपनी है तथा इसी कंपनी के नाम से वह संचालन करता है। वहीं कंपनी का जो रजिस्ट्रेशन है। वह iconivo tyrants market private limited से पंजीकृत बताती है तथा इसका मुख्यालय प्रथम तल पालम वेल्ली लाइफ़स्टाइल प्राइवेट दापर अंबाला हाईवे डेरा बासी सास नगर मोहाली पंजाब 140506 दिया गया है। जिसमें डायरेक्टर सुनील सिंह एवं संजीता शर्मा है।
      

इसके अलावा इस आईटीएम कंपनी के पास अन्य कोई भी दस्तावेज नहीं है। जिससे कि वह रोजगार देने वाला व्यवसाय कर सके। यानी डायरेक्ट सेल जैसा काम भी उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि भारत सरकार के उपभोक्ता संरक्षण एवं फूड मंत्रालय द्वारा 9/9/2016 के नोटिफिकेशन के अनुसार किसी भी डायरेक्ट सेल की कंपनी को दिनांक 9/9/2016 के बनाए गए नियमों के अनुसार रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। उक्त नियमों का पालन करना भी आवश्यक है, जबकि मनेंद्रगढ़ रोड में स्थित आईटीएम कंपनी इसके तहत पंजीकृत नहीं है, और ना ही भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार रजिस्टर्ड है, ना ही उसका पालन किया गया है। उक्त नोटिफिकेशन भी शिकायत में लगाया गया है।
       

नोटिफिकेशन दिनांक 9/9/10 के कंडिका क्रमांक 11 के अनुसार कोई भी डायरेक्ट सेल कंपनी पिरामिड के तहत एक के नीचे एक या दो या चार के नीचे चार मल्टीलेयर की तरह कार्य नहीं किया जा सकता है, और ना ही जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा कंडिका 11(अ) के अनुसार डायरेक्ट सेल में किसी को कमीशन नहीं दिया जा सकता है, लेकिन इन लोगों के आईटीएम कंपनी के द्वारा कमीशन देने का झांसा देने का काम किया जा रहा है, जो कि उपरोक्त नियमों के विपरीत है इसके अलावा उपरोक्त नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति को कोई भी सामान या सर्विस खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, लेकिन इन लोगों की कंपनी के द्वारा सामान खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

11 (स) में यह भी दिया गया है कि इसमें कोई भी प्रवेश शुल्क या ट्रेनिंग शुल्क नहीं लिया जा सकता है, लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा विधिवत प्रत्येक बेरोजगार युवकों से 400 रुपए ट्रेनिंग के नाम पर लिया जा रहा है, जो कि उपरोक्त दिशा निर्देश एवं भारत सरकार के गाइडलाइन के विपरीत है जो अपराधिक श्रेणी में आता है।
       

यही नहीं क्लोज-2 में डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस के लिए क्या-क्या योग्यताएं एवं अहर्ता कंपनियों को होनी चाहिए वह दिया गया है, लेकिन दिए गए नियमों का पालन आईटीएम कंपनी के द्वारा नहीं किया गया है और ना ही कोई पंजीयन उसके तहत कराया गया है, जो कि अवैध एवं गलत है इसके अलावा कंडिका 7 में यह भी स्पष्ट रूप से दिया गया है, कि कोई भी कंपनी लोक लुभावने एवं प्रलोभन देने वाला विज्ञापन नहीं दे सकता है। और ना ही किसी व्यक्ति को अधिक लाभ दिलाने का आश्वासन दे सकता है। ना ही किसी व्यक्ति को उक्त कार्य के लिए उत्साहित कर सकता है। लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से लोक लुभावने एवं प्रलोभन देने वाला तथा अतिरिक्त धन अर्जित करने वाला विज्ञापन देकर लोगों को गुमराह कर रहा है जो कि एक अपराधिक कृत्य है।

भारत सरकार के नोटिफिकेशन के कंडिका क्रमांक 7 एच में यह स्पष्ट रूप से दिया गया है, कि 1 से अधिक आदमी को जोड़ने के लिए पैसा नहीं दे सकते तथा लाभ अर्जित नहीं कर सकते, लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा एक से अधिक आदमी को जोड़ा जा रहा है। पैसा जोड़ने के एवज में मोटी रकम भी ली जा रही है तथा लाभ अर्जित किया जा रहा है, जो कि भारत सरकार के नोटिफिकेशन का उल्लंघन है तथा एक आपराधिक कृत्य है।
         

उक्त नोटिफिकेशन के क्लॉज-4 में यह दिया गया है कि आईटीएम कंपनी द्वारा जो भी सामान बेचा जा रहा है। उसे वापस लेने का प्रावधान बनाना है लेकिन इस कंपनी के द्वारा जो सामान विक्रय किया जा रहा है उसे वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। आईटीएम कंपनी एक फर्जी कंपनी है जो ग्रामीण एवं शहरी नवयुवकों को अपने चंगुल में फंसा कर मोटी रकम वसूल रही है तथा कुछ युवकों द्वारा जो अपनी जमा रकम को वापस मांगा जाता है, तो उसे वापस नहीं किया जाता है एवं ऐसे लड़कों को यह अपने कंपनी से बाहर निकाल देते हैं और डराते धमकाते भी हैं।
        

यही नहीं आईटीएम कंपनी का जो प्रतिवर्ष का एनुअल रिपोर्ट बैलेंस शीट है वह पूरा नील है, जबकि इनके द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का व्यवसाय किया जाता है एवं गरीब नवयुवकों से राशि वसूल की जाती है। सिर्फ कंपनी का बैलेंस शीट नील दिखाकर शासन से लाखों रुपए की टैक्स की चोरी का भी काम करते हैं। प्रोफिट डिक्लेरेशन है जो इस शिकायत के साथ संलग्न किया है, झूठा डिक्लेरेशन करना भी एक आपराधिक कृत्य है। इसलिए उक्त कंपनी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना आवश्यक है। उक्त वार्षिक बैलेंस शीट भी पेश किया है,
         

यह के आईटीएम कंपनी के द्वारा जो एनुअल रिपोर्ट भारत सरकार को भेजा गया है। उक्त रिपोर्ट के फॉर्मेट में शासन द्वारा स्पष्ट किया गया है तथा साफ तौर पर यह लिखा गया है कि अगर कोई भी कंपनी अपने एनुअल रिपोर्ट गलत दिया जाता है या गलत जानकारी दी जाती है तो उस कंपनी के विरुद्ध धारा 447, 448 , 449 कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कार्यवाही किया जाएगा। आईटीएम कंपनी के द्वारा भी अपना एनुअल रिपोर्ट गलत दिया गया है इसलिए भी कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 447, 448, 449 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना आवश्यक है उक्त अधिनियम की फोटो प्रति शिकायत के साथ पेश किया है।
        

आईटीएम कंपनी के द्वारा फेसबुक एवं अन्य डिजिटल माध्यमों से लोक लुभावने वादे, फर्जी तरीके से कर के ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगार युवकों को ठगा जा रहा है। उक्त तरह के विज्ञापन के फोटो कॉपी शिकायत के साथ संलग्न किया गया है। इस तरह के लोक लुभावने विज्ञापन देना तथा लोगों को भ्रमित करना एक साइबर क्राइम है। उक्त संबंध में साइबर क्राइम प्रोविजन आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 66सी, 66डी  एवं 66ए(बी) का भी स्पष्ट उल्लंघन है।

अगर किसी भी कंपनी का डायरेक्ट सेलिंग करने का बिजनेस करना रहता है, तो उसके लिए भारत सरकार के कंजूमर एवं फूड मंत्रालय में पंजीयन करना पड़ता है। इस तरह के दस्तावेज आईटीएम कंपनी के पास नहीं है और वह फर्जी तरीके से लोगों को बहला-फुसलाकर ठगी कर रहा है। जिसके संबंध में अपराधिक प्रकरण संबंधित एजेंट एवं संचालक के विरुद्ध किया जाना आवश्यक है।
      

इसके अलावा भी आईटीएम कंपनी के द्वारा कई फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। उक्त कंपनी के विरुद्ध विधिवत जांच किया जाए तो उसके सभी फर्जीवाड़ा एवं धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आएगा तथा तत्काल उक्त कंपनी के कार्यालय को सील किए जाने को मांग की गई है। प्रथम सूचना पत्र भी दर्ज कराने की मांग की गई है। तथा यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर तत्काल कारवाही नहीं की गए तो वह सभी दस्तावेजों में फेरबदल कर सकते हैं एवं कार्यालय का बंद कर फरार हो सकते हैं। तथा सैकड़ों बेरोजगार युवक को धोखा देकर फरार हो सकते है, जिस पर एसडीएम ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।