रायपुर. राजधानी के मैग्नेटो मॉल स्थित मेसर्स अधिराज सीमेंट्स कारोबारी शुभम सिंघल के दफ्तर में केंद्रीय जीएसटी और उत्पाद शुल्क अधिकारियों की टीम ने दबिश दी है. जीएसटी की टीम को तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले है. जिन्हें जब्त किया गया है. जांच में मेसर्स अधिराज सीमेंट्स ने कई फर्जी कंपनियों द्वारा जारी बोगस बिलों के आधार पर करीब 12.53 करोड़ का गलत इनपुट टैक्स लेना पाया गया. जब्त किए गए कागजात और दस्तावेजों की जांच अभी जारी है. आगे की जांच में जीएसटी अपवंचन और अधिक हो सकती है. टैक्स चोरी की खुलासे के बाद कारोबारी शुभम सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जीएसटी की टीम ने शुरुआती जांच में कि मेसर्स अधिराज सीमेंट्स ने फर्जी फर्म मेसर्स यूनाइटेड इस्पात रायपुर द्वारा जारी 82.10 करोड़ के बोगस बिलों पर 12.53 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करना दर्शाया और उसे अपने जीएसटी अदायगी के लिए गलत उपयोग किया. मेसर्स यूनाइटेड इस्पात रायपुर एक फर्जी कंपनी है. जिसके नाम का उपयोग केवल बोगस बिलों को जारी करने के लिए किया गया है. जांच के दौरान पाया गया कि शुभम सिंघल पार्टनर मेसर्स अधिराज सीमेंट्स के द्वारा जानबूझ कर बोगस बिलों का उपयोग गलत रूप से किया गया. जीएसटी अधिकारियों ने पाया कि शुभम सिंघल के द्वारा बोगस बिलों का उपयोग जीएसटी कि धारा 132 के तहत दंडनीय है. शुभम सिंघल को वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम कि धारा 69(1) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है.
यह कार्रवाई केंद्रीय जीएसटी के प्रिंसिपल कमिश्नर बीबी महापात्र के निर्देशों पर किया गया. जिसमें ज्वाइंट कमिश्नर श्रवण कुमार बंसल ने पूरे केस की छानबीन का मार्गदर्शन किया. रिशु वर्मा, सहायक आयुक्त ने फील्ड मे रहकर सभी टीम के बीच समन्वय स्थापित किया. मेसर्स अधिराज सीमेंट्स के द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट के गलत इस्तेमाल की जांच कुछ समय से की जा रही थी. जिसकी जांच बी के जेना अधीक्षक कर रहें हैं. व्यवसायी शुभम सिंघल के गिरफ्तारी की कार्यवाई केंद्रीय जीएसटी के अधीक्षक आशीष पाठक के द्वारा किया गया.
उक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट के गलत उपयोग के जांच में कुछ समय से लगातार कारवाई की जा रही है. इसमें सर्व समीर प्रताप कुजूर, अधीक्षक, जीतेंद्र निषाद, अधीक्षक, पल्लव परगनिहा, अधीक्षक, तारीफ सिंह, निरीक्षक, प्रदीप नायर, निरीक्षक, राम करण मीणा, निरीक्षक, अनुपम मेहरोत्रा, निरीक्षक, मुक्तेश्वर नाथ मिश्र, कर सहायक, राजीव नन्दन पटेल, कर सहायक, अश्वनी साहू की अहम भूमिका रही.