अधिकारियों के नियम से नहीं…. खनिज नियम से हो जांच तो बंद हो जाएंगे स्टोन क्रेसर

  • जिले में संचालित अधिकांश स्टोन क्रेसर का संचालन नियमो को ताक मे रखकर
  • जिले के आधा दर्जन गांव मे संचालित है तीन दर्जन स्टोन क्रेसर
  • जिला खनिज अधिकारी के जवाब से लगता है उनको निर्दोषो की मौत से फर्क नही पडता

 

 

अम्बिकापुर

 

सरगुजा जिला मे खनिज विभाग की अनदेखी से ज्यादातर स्टोन क्रेसर नियमो को ताक मे रखकर संचालित किए जा रहे है। इनमे से कुछ क्रेसर को खनिज विभाग से प्राप्त लीज की अवधि समाप्त हो गई है तो कुछ बिना पर्यारवणीय स्वीकृति के ही संचालित है, लेकिन खनिज विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी अवैध रुप से संचालित क्रेसरो पर आज तक जो कार्यवाही की भी गई है वो केवल विभाग का दिखावा साबित हो रहा है। मामले का खुलासा तब हुआ जब फटाफट  की टीम शुक्रवार 28 अप्रैल को गिट्टी खदान मे दबने से दो लोगो और चार घायल होने की खबर के बाद उन गांवो मे पहुंची , जहां पर अवैध तरीके से स्टोन क्रेसर संचालित है।

दरअसल जिले के चंगोरी , कर्रा, भकुरा, परसा, और अमडी गांव मे तीस से अधिक स्टोन क्रेसर संचालित है औऱ प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन गांवो मे संचालित ज्यादातर क्रेसर खनिज विभाग के नियमो के तहत नही , बल्कि विभाग मे पदस्थ अधिकारियो की अति उदारता के कारण संचालित है। एक स्टोन क्रेसर संचालक से बात के दौरान ये पता चला है कि फिलहाल अवैध रुप से संचालित कुछ क्रेसर की लीज अवधि समाप्त हो गई है , तो कुछ के पास पर्यावरण विभाग की एनओसी तक नही है। इतना ही नही सूत्रो के मुताबिक इनमे से कुछ क्रेसर संचालक तो ग्राम पंचायत का फर्जी प्रस्ताव लगाकर स्टोन क्रेसर संचालित कर रहे है। लेकिन इस सब के बावजूद आज तक जिला खनिज अधिकारी महोदय को शिकायत आने का इंतजार है।

ब्लास्टिंग से हादसा

ऐसा नही है कि नियमो को ताक मे रखकर संचालित स्टोन क्रेसर सिर्फ सरकारी दस्तावेज के लिहाज से अवैध साबित हो सकते है। इसके अलावा अगर इन क्रेसर के संचालन व्यवस्था की बात करे तो वो पूरी तरह से नियमो के विपरीत है। चंगोरी , कर्रा, भकुरा, परसा, और अमडी गांव मे संचालित क्रेसर मे अवैध रुप से ब्लास्टिंग मे भी कई बार मानवीय तो कई बार ग्रामीणो की अचल संपत्तियो को भी नुकसान पहुंच चुका है।

खदान धसकने से मौत

खनिज विभाग के नियमो और राज्य शासन की मंशा के विपरीत संचालित सरगुजा जिले मे संचालित स्टोन क्रेसर संचालको की मनमानी के कारण कई बार जानलेवा हादसे भी हुए है। जिसका मौजूदा उदाहण भकुरा गांव के आमाझरिया गांव मे हुए हादसे का है। यह हादसा बुधवार 28 अप्रैल को दोपहर तकरीबन 12 बजे का है। जहां के अवैध पत्थर खदान मे काम करते समय खदान अचानक धसक गई और दो नाबालिगो की मौत के साथ चार लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे।

पहले सरकारी फिर लीज एरिया मे करते है खनन

सरगुजा के जिन गांवो मे भी स्टोन क्रेसर का लीज पहले दिया गया था , उन गांवो मे लगभग सभी स्टोन क्रेसर संचालक पहले लीज क्षेत्र से लगी कई एकड शासकीय भूमि से निकलने वाले स्टोन का दोहन करते है,,, फिर वो अपने लीज क्षेत्र का इस्तेमाल करते है।  हालाकि ये कोई हैरान किए जाने वाला कोई मामला नही है , क्योकि खनिज विभाग के अधिकारियो के मुताबिक वो लगातार अपने खनिज निरीक्षको से क्रेसरो के संचालन का जायजा लेते रहते है।

बिना सुरक्षा उपायो के श्रमिको से कराते है श्रम

जिले मे संचालित क्रेसर और खदानो मे मजदूरो से बिना किसी सुरक्षा उपाय के पत्थर फोडवाने का काम किया जाता है। संचालक द्वारा गैर पंजीकृत मजदूरो को ना ही हेलमेट दिया जाता है और ना दस्ताना , जिस कारण ज्यदातर बार श्रमिक या तो बुरी तरह जख्मी हो जाते है या फिर उनकी मौत हो जाती है और फिर संचालक भोले भाले श्रमिको के परिजनो को प्रलोभन देकर किसी कानूनी कार्यवाही से भी बच जाते है। इसके अलावा इन श्रमिको को जहां एक ट्रेक्टर पत्थर फुडवाने का 445 रुपए प्रति टेक्टर की दर से पारिश्रमिक देते है,  तो वही खुद इस पत्थर को मनमाने दाम पर बेंचते है।

 

साहब ने इस बार भी कहा ……. “जांच होगी “  

इस पूरे समाचार के संबध मे जब हमने जिला खनिज अधिकारी सी.एल.शर्मा से जानकारी लेनी चाही तो पहले तो उन्होने मीटिंग होने और फाईल निपटाने का बहाना बताकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। बाद मे उन्होने कहा कि क्षेत्र मे लगातार खनिज निरीक्षक औऱ पटवारियो के द्वारा निरीक्षण किया जाता है। वैसे लीज समाप्ति और आबंटित क्षेत्र से ज्यादा खनन की शिकायत मेरे पास आई नही है। वैसे भी इस संबध मे खनिज निरीक्षक की जांच रिपोर्ट और कलेक्टर के निर्देश पर कार्यवाही होती है। इधर बुधवार को हुई दो मौत और घायलो के सवाल पर उन्होने कहा कि नही मै वहां तक नही गया था मै सिर्फ नवापारा तक गए था और बांकी मृतक के परिजनो को राहत देने का काम प्रशासन का है।