अपने ही शिक्षकों के अपमान पर उतारू है सरकार : रंजय सिंह
सूरजपुर छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रंजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार लगातार हमारे हितों की अनदेखी तो कर ही रही थी अब हमारे सम्मान के साथ भी खिलवाड़ पर उतारू है । रंजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग की सोच है कि शिक्षाकर्मियों ने शिक्षा के पेशे को नीचे गिरा दिया है।
यह हम नहीं कह रहे, बल्कि शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य सरकार की तरफ से बंटी प्रशिक्षण पुस्तिका “भारतीय भाषाओं का शिक्षण” में उल्लेखित है। और एक जिम्मेदार शिक्षक होने के नाते इसका निंदा करता हूँ, साथ ही इसे पुस्तक से हटाते हुए पब्लिकेशन पर कड़ी कार्यवाही की मांग करता हूँ।
ज्ञात हो कि रायपुर स्थित सिब्बल पैलेस में चल रहे दो दिवसीय शिक्षक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में हंगामे की स्थिति हो गई है। दरअसल प्रशिक्षण कार्यक्रम में सूबे के सभी शिक्षक व शिक्षाकर्मी ट्रेनिंग लेने पहुंचे हैं। इसमें सभी विषयों की पुस्तकें बांटी गई हैं। लेकिन भाषा संबंधी पुस्तक में शिक्षाकर्मियों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गई है। पुस्तक में शिक्षाकर्मियों को लेकर लिखा गया है कि “शिक्षाकर्मियों ने शिक्षा के पेशे को नीचे गिरा दिया है।
यदि आदिवासी शिक्षा की बात करें तो परिस्थिति और खराब है”। पुस्तक में यह भी लिखा है कि “हमारे देश में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम लगभग निराशाजनक स्थिति में है। बीएड के पुराने हो चुके एक साल के प्रोग्राम आज के दौर की कक्षाओं में मिलने वाली जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षकों को तैयार नहीं कर पाते हैं। इनके विकल्पों “शिक्षाकर्मियों” ने तो इस पेशे को और नीचे गिरा दिया है” लिखा है जो पूर्णतः गलत है शिक्षा कर्मियों के आने से स्तर एवं गुडवक्ता में भारी बृद्धि हुई है