रायपुर. छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा के लिए बहुत जल्दी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा. इस संबंध में न्यायमूर्ति आफताब आलम सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय की अध्यक्षता में गठित समिति ने प्रस्तावित कानून का प्रारूप तैयार कर लिया है और इस पर पत्रकारों, पत्रकार संगठनों तथा आमजनों से चर्चा कर सुझाव प्राप्त करने के लिए समिति 16 से 18 नवम्बर तक राज्य के विभिन्न अंचलों का दौरा करेगी.
समिति 16 नवम्बर को रायपुर के विशिष्ठ अतिथि विश्राम गृह पहुना में दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे तक पत्रकार एवं पत्रकार संगठनों से तथा अपरान्ह 3.30 से शाम 5 बजे तक आमजनों से चर्चा कर सुझाव लेगी. इसी प्रकार समिति 17 नवम्बर को सर्किट हाऊस जगदलपुर में पूर्वान्ह 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक पत्रकार और पत्रकार संगठनों से तथा अपरान्ह 3 से 4 बजे तक आम नागरिकों से सुझाव लेगी. समिति 18 नवम्बर को अम्बिकापुर पहुँचेगी.. और दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे तक पत्रकार और पत्रकार संगठनों से तथा दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक आम नागरिकों से चर्चा कर सुझाव प्राप्त करेगी..
प्रस्तावित छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून का हिन्दी और अंग्रेजी प्रारूप जनसम्पर्क संचालनालय की वेबसाइट www.dprcg.gov.in उपलब्ध है. किसी शंका की दशा में अंग्रेजी रूपांतरण मान्य होगा.
ग़ौरतलब है कि प्रदेश में पत्रकार निर्भीकता से स्वतंत्र लेखन कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का निर्णय लिया है. जिसके परिपालन में मार्च 2019 में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. समिति में न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय, राजूराम चन्द्रन वरिष्ठ अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय, महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव विधि विभाग, रूचिर गर्ग मीडिया सलाहकार मुख्यमंत्री, ललित सुरजन, प्रधान संपादक दैनिक देशबंधु और प्रकाश दुबे वरिष्ठ पत्रकार नागपुर समिति के सदस्य हैं.