बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..रामानुजगंज के पलटन घाट में दवाइयों का जला हुआ जखीरा मिला है..और इन दवाइयों के रैपर को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है.. की बीते 3 वर्षों से यह दवाइयां बांटी ही नही गई है..वही स्वास्थ्य विभाग ने अब इस मामले पर चुप्पी साध ली है..वही अब इस खुलासे के बाद जवाब तलब की बात कही जा रही है..
प्रदेश में लोगो को सेहतमंद रखने सरकार एक जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने में लगी हैं..तो वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा खरीदी गई जेनरिक दवाइयो का जखीरा कूड़े के ढेर में अधजली हालत में पलटन घाट में पड़ा हुआ मिला है.. यही नही सरकारी अस्पतालों में सफ्लाई की जाने वाली इन लाखों की दवाइयो को आग हवाले कर दिया गया है.. और जिम्मेदार विभाग के जवाबदेह अधिकारी अब जवाब देने से कतरा रहे हैं ..दरअसल कोरोना काल के पहले से ही गर्भवती महिला एवं बच्चों को नियमित रूप से बांटे जाने वाली दवाइयां महिला बाल विकास एवं शिक्षा विभाग को वितरित किया गया था..और जिला प्रशासन को इन विभागों ने लगातार यह रिपोर्टिंग की ..कि जरूरत मंद लोगो को दवाइयां बांटी जा रही हैं.. लेकिन करोना काल में भी यह दवाइयां नहीं बांटी गई..और अंततः मामले को छुपाने के लिए चुपके से पलटन घाट में इन दवाइयों को जला दिया गया..
इस मामले में बीएमओ रामानुजगंज कैलाश कैवर्त का कहना है.. कि यह दवाइयां हमारे माध्यम से सीधे शिक्षा और महिला बाल विकास विभागों को दे दी जाती है ..और उनकी लगातार मॉनिटरिंग इन्हीं विभागों के द्वारा की जाती है..लेकिन यह जखीरा मिलना काफी दुर्भाग्य जनक है.. इधर मामले के खुलासे के बाद बीएमओ सम्बन्धितों को नोटिस जारी करने की बात कह रहे हैं..
बहरहाल सवाल नोटिस से जुड़ा हुआ नहीं है.. महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति इन विभागों ने कितनी जिम्मेदारी निभाई है..यह इस जखीरे को देखकर ही समझ मे आता है..की दवाइयां बांटी गई है..या नही?. ..और अब अहम सवाल तो यह है..की इन दोनों विभागों में से किसने दवाइयां नहीं बाटी और उसे कचरे में फेंक दिया यह जांच का विषय है ..