जांच से बचने मैनपाट के प्लान्टेशन में लगाई गई आग : PCC

रायपुर 
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने बयान जारी करते हुये कहा कि सरगुजा वनमंडल के अंतर्गत मैनपाट वन क्षेत्र के 20 हेक्टेयर जंगल में ललया और कंदनई में कैम्पा निधि से करोड़ों रू. की लागत से लगाये गये वृक्षारोपण में लगी आग अपने आप में कई सवाल खड़ा कर रहे है। 20 हेक्टेयर जंगल में लगी आग से 18 करोड़ की क्षति का अनुमान होना बताया गया है। यह सब जानबूझकर हुआ है या कोई और कारण है यह जांच का विषय है।
छत्तीसगढ़ के वन विभाग में हो रहा करोड़ों रू. का भ्रष्टाचार इसका जीता-जागता प्रमाण है। समूचे प्रदेश के अनेक स्थानों में जंगलों में लग रही आग और हो रही क्षति के लिये सरकार स्वयं जिम्मेदार है। मैनपाट के जिस वन क्षेत्र में आग लगी है उसकी प्रारंभ से भारी शिकायते की जा रही थी, पर सरकार एवं विभाग ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की थी। अंबिकापुर दौरे के समय मुख्यमंत्री और वनमंत्री से जब इसकी शिकायत पुनः की गयी और जांच का आदेश हुआ, तब 4 दिनों में ही जिस क्षेत्र की शिकायत गयी थी वहां आग लग जाना अनेक संदेह को जन्म देता है तथा वृक्षारोपण का नष्ट हो जाना शिकायतों की वास्तविकता को प्रमाणित करता है। वन विभाग में इसी तरह की स्थति पूरे प्रदेश में है, जहां काम कम और भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है और उसे वन विभाग की क्रियाकलाप का सब पता है। अब मंत्री द्वारा मैनपाट के वन क्षेत्र मंें आग लगने के कारण क्षति और कैम्पा निधि से कराये गये वृक्षारोपण के शिकायत की सचिव स्तर के अधिकारी की टीम बनाकर जांच का आदेश देना मात्र खानापूर्ति की औपचारिकता को दर्शाता है।
प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जंगलों में आग लगी हुई है और सरकार सो रही है। वनो को अग्नि से सुरक्षा के लिये करोड़ों रू. खर्च कर फायर वाचर की नियुक्ति 16 फरवरी से 15 जून तक तीन माह के लिये विभाग द्वारा की जाती है। ताकि वनो की रक्षा की जा सके पर यह सारी राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। वनो में मौके पर कही भी फायर वाचर नहीं दिखाई देते है। छत्तीसगढ़ के 31 वनमंडलों, 11 वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी और 3 नेशनल पार्क है, जिसमें फायर वाचर की नियुक्ति होती है पर यह कागजो तक ही सीमित है।
गौरतलब है की पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल के अम्बिकापुर दौरे के दौरान फटाफट न्यूज ने इस मामले पर उनसे सवाल कर बात संज्ञान में डाली थी जिसमे उस वक्त भी भूपेश बघेल ने इसे रमन सरकार का भ्रष्टाचार बताया था जिसके बाद कांग्रेस ने प्रेस रिलीज जारी कर सरकार को घेरने का प्रयास किया है।