कोरिया( बैकुण्ठपुर से J.S.ग्रेवाल)
कोरिया जिले के प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध जल स्रोतों के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। और स्थानीय आवष्यकताओं की पूर्ति के लिए जल संरक्षण के लिए सभी कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर लिए गए हैं। महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जल संरक्षण के कार्यों के लिए आवश्यक कार्य चयन करते हुए उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया गया। साथ ही ऐसे कामों में रोजगार की पर्याप्त उपलब्धता देते हुए कोरिया के हर गांव में उपलब्ध बहते जल को रोक लिया गया है। उक्ताषय की जानकारी देते हुए जिले के कलेक्टर और महात्मा गांधी नरेगा के जिला कार्यक्रम समन्वयक एस प्रकश ने बताया कि इस वर्ष कोरिया जिले के सभी विकासखण्ड अवर्षा की विकट स्थिति से जूझ रहे हैं। कम वर्षा के कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले समय में स्थिति बिगड़ सकती है इसी आषंका के निपटारे के लिए हमने पूरे जिले में अभियान चलाकर बहते हुए उपलब्ध जल को रोकने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया है। ऐसे कार्यो में पहाड़ी नालों के साथ-साथ ग्राम पंचायतों में बहने वाले स्थानीय नालों और छोटी नदियों को शामिल किया गया है।
उन्होने बताया कि कोरिया जिले में ग्राम पंचायतों केा निर्माण कार्य एजेंसी बनाकर बोल्डर एवं मिटटी चेक डेम और नाला बंधान के कुल 303 कार्य जिले भर में कराये गए हैं। इन कार्यो के लिए कुल 3 करोड़ 97 लाख से ज्यादा की राषि स्वीकृत की गई है। चेक डेम और नाला बंधान के ऐसे 39 कार्य बैकुण्ठपुर में, 20 कार्य मनेन्द्रगढ़ में, 65कार्य सेानहत में और 150 से ज्यादा काम भरतपुर में कराये गये हैं। वहीं गली प्लग और अस्थायी बंधान के 200 से ज्यादा कार्यो में से 160 से ज्यादा कार्य खड़गंवा विकासखण्ड में कराए गए हैं। इसके अतिक्ति पुराने स्टापडेम सेे गाद हटाने के काम को भी प्राथमिकता में लिया गया है। ऐसे कार्यो का मुख्य उद्देष्य स्टापडेम की जलग्रहण क्षमता में वृद्वि है। श्री एस प्रकाश ने आगे बताया कि कोरिया जिले में स्टापडेम से गाद हटाकर जल संरक्षण बढ़ाने के 54 कार्य कराए जा रहे हैं इनकें लिए 117 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है।
आगामी भविष्य में जल संरक्षण के उपयोगिता को देखते हुए इस वर्ष कोरिया जिले में डबरी निर्माण कार्य को पहली प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एस प्रकाष ने बताया कि पूरे जिले में ग्रामीणेां को जलसंरक्षण से जोड़ते हुए 1300 से ज्यादा वंचित वर्ग के हितग्राहियों और सामुदायिक लाभ के लिए डबरी निर्माण कार्यो की प्रषासकीय स्वीकृति दी गई है। इनमें से लगभग आधे कार्यो को पूर्ण करा लिया गया है।
आगामी दो तीन माह में सभी डबरी के कार्य पूर्ण करा लिए जाएंगें। इसके अतिरिक्त इस वर्ष एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम के साथ अभिसरण से महात्मा गांधी नरेगा के तहत 126 डबरी निर्माण कार्य पूर्ण कराए गए हैं। उन्होने बताया कि काम के मांग के आधार पर कोरिया के प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहें हैं और इन रेाजगारमूलक कार्यों से सामुदायिक और वंचित वर्ग के लिए संसाधनों का निर्माण भी कराया जा रहा है। कोरिया के विभिन्न पहाड़ी और स्थानीय नालों में जल की भराव क्षमता में वृद्वि के लिए जिले भर में 21 ऐसे कार्यो को प्रषासकीय स्वीकृति दी गई है। पंजीकृत श्रमिकों को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराते हुए इस वर्ष कोरिया जिले में महात्मा गांधी नरेगा से 137 नए तालाब बनाए जा रहे हैं साथ ही 173 पुराने तालाबों में ज्यादा से ज्यादा जलभराव के लिए गहरीकरण कार्य भी स्वीकृत कर प्रारंभ किए गए हैं।
कोरिया में पूर्व से निर्मित जलाषयों के जलभराव क्षमता के विस्तार के लिए कोरिया जिले में 42 कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई है। महात्मा गांधी नरेगा के जिला कार्यक्रम समन्वयक एस प्रकाष ने बताया कि इन कार्यो के लिए जल संसाधन विभाग को जिम्मेदारी दी गइ है। साथ ही ग्राम पंचायतों में उपलब्ध छोटे बडे़ तालाबों के गहरीकरण के कुल 173 कार्यो की प्रषासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस कार्य के लिए कुल 10 करोड़ से ज्यादा राषि का प्रावधान किया गया हैं। उन्होने सभी ग्रामीणों ओैर कोरिया वासियों से आग्रह किया है कि सूखे से निपटने के लिए सभी अपने स्तर पर बेहतर प्रयास करें। उन्होने कहा कि यदि हम आज अपनी आवष्यकताओं के लिए कम जल खर्च करेंगे तो इसका सीधा लाभ आने वाली गर्मियाे मे मिलेगा। कलेक्टर एस प्रकाष ने बताया कि महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रेाजगार गारंटी योजना के तहत जिले की बारहमासी नदियों में भी बोरी बंधान के माध्यम से पानी रोकने की कवायद की जा रही है। इस कड़ी में हसदेव नदी पर ग्राम पंचायत देवाडांड मे तीन जगहों पर ग्राम पैनारी में दो जगहों पर और ग्राम पंचायत धवलपुर में दो स्थानेां पर बोरी बंधान कार्य की स्वीकृति दी गई है। उन्होने बताया कि आने वाले समय में जल की कमी को देखते हुए उपलब्ध जल को रोकने के लिए सभी सार्थक कदम उठाए गए हैं।