बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले के क्वारण्टाइन सेंटर में युवक से मारपीट के मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री व सरगुजा सांसद रेणुका सिह के हस्तक्षेप के बाद भी अब तक मामले की जांच की गाड़ी आगे नही बढ़ पाई है..और पुलिस जांच का हवाला देकर बचती -बचाती नजर आ रही है..वही पीड़ित युवक के परिजन अब भी न्याय की गुहार लिए दर-दर भटकने पर मजबूर है..
बता दे कि 15 मई को दिल्ली से आये बलरामपुर के दिलीप नामक युवक को शासकीय बालक छात्रावास बलरामपुर में क्वारण्टाइन किया गया था..और युवक ने क्वारण्टाइन सेंटर में अव्यवस्थाओं का दावा करते हुए..15 और 16 मई को वीडियो बनाकर शोसल मीडिया में वायरल कर दिया था.वीडियो में भोजन को दूषित बताते हुए ..युवक ने क्वारण्टाइन सेंटर में पहले से रह रहे लोगो का अभिमत जानने की भी कोशिश की थी..जिसके बाद युवक का आरोप है कि..उसके साथ बलरामपुर तहसीलदार शबाब खान,जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उससे 16 मई की रात मारपीट की है..वही युवक के परिजनों ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत की थी..लेकिन पुलिस ने युवक के विरुद्ध ही मामला दर्ज कर लिया..तथा युवक को दूसरे क्वारण्टाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया..
• चढ़ गया राजनीतिक रंग!..
दरअसल युवक के परिजनों ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिह से इस मामले की शिकायत की थी..और रेणुका सिह युवक से मिलने क्वारण्टाइन सेंटर पहुँची थी..उन्होंने ने युवक के शरीर पर आए चोट के निशानों को भी देखा..और उन्होंने मौके पर ही मौजूद तहसीलदार और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जमकर फटकार लगाई थी..जिसका वीडियो शोसल मीडिया में भी वायरल हुआ था..जिसने राजनीतिक रूप रंग ले लिया..सरगुजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष व रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिह ने केंद्रीय राज्य मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ..केंद्रीय राज्यमंत्री को आड़े हाथों लिया..और अधिकारियों को किसी भी प्रकार के दबाव में काम नही करने की सलाह दी..उन्होंने कहा कि अधिकारियों को किसी से डरने की जरूरत नही है..
• मैडम ने कहा तब मुलाहिजा हुआ!..
युवक के पिता चंद्रिका प्रसाद का कहना है..की केंद्रीय राज्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद घटना के सप्ताह भर बीतने पर उनके लड़के का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया..लेकिन तहसीलदार और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई..
• आरोप निराधार है!..
जबकि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व तहसीलदार का कहना है..की वे एसडीएम के आदेश पर क्वारण्टाइन सेंटर गए थे..और उन्होंने क्वारण्टाइन सेंटर का जायजा लिया था..उनके साथ छात्रावास अधीक्षक,मंडल संयोजक भी थे..और उनके द्वारा मारपीट किये जाने का आरोप निराधार है..और केंद्रीय राज्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक जगह पर उनसे किये गए दुर्व्यवहार से वे दुखी है.
बहरहाल अब इस मारपीट के मामले ने सियासी रंग ले लिया है..लेकिन इस मामले में पुलिसिया जांच और कार्यवाही से युवक के परिजन अनभिज्ञ है..और उन्हें न्याय का इंतजार है!..