सुकमा. प्रदेश में 22 मार्च को एक दिल दहला देने वाला नक्सली हमला हुआ था. जहां सुकमा जिले के मीनपा के जंगलों में नक्सली और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें 17 जवानों ने अपनी जान गवाई थी. साथ ही कई जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए थे. इस पर छत्तीसगढ़ और देश के तमाम बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया था. इस घटना को दो ही दिन हुए हैं मगर नक्सलियों मैं जरा सा भी डर देखने को नहीं मिल रहा है.
जानकारी के अनुसार घटना के दूसरे दिन भी नक्सली घटनास्थल पर सैकड़ों की तादाद में मौजूद थे. घटनास्थल से बुलेट के खाली खोखे और कुछ जिंदा कारतूस बटोर कर ले जाने के सबूत पाए गए हैं. इतना ही नहीं नक्सलियों के द्वारा जवानों के खुले पड़े जूते भी ले जाया गया. हद तो तब हो गई जब घटनास्थल में कवरेज करने गए पत्रकारों को भी नक्सलियों ने पूछताछ के लिए 2 घंटे बैठाए रखा.
बताया जा रहा है कि नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे. जानकारी मिली है कि नक्सली और जवानों के बीच हुए इस मुठभेड़ में नक्सलियों का नेतृत्व नक्सली लीडर नागेश कर रहा था. नक्सलियों का इस तरह घटनास्थल पर मुठभेड़ के दूसरे दिन मौजूद रहना इस बात को जाहिर करता है कि नक्सलियों के मन में पुलिस प्रशासन के प्रति बिल्कुल भी खौफ नहीं है. जो कि एक चिंता का विषय है.