बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में हाल ही के दिनों में राज्य सरकार ने 7 जिलो के पुलिस अधीक्षकों का तबादला किया है..उस तबादला आदेश में बलरामपुर जिले का नाम भी शुमार था..और अब सभी 7 जिलो में नवपदस्थ पुलिस अधीक्षकों ने पदभार ग्रहण कर लिया है..मगर दिलचस्प बात तो यह है..की एक पुलिस अधीक्षक ने खुद अपने सात दिन पहले किये स्थान्तरण आदेश को बदल दिया है..और जाहिर सी बात है..की यह आदेश उन्होंने चहेते के चलते ही जाते -जाते की है..हालांकि जो आदेश पुलिस अधीक्षक ने आखरी बार की है..उसमें 28 जून की तिथि अंकित है..यानी तब की जब प्रदेश सरकार ने पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची जारी की तब!..
दरअसल बीते 21 जून को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक टीआर कोशिमा ने उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों का तबादला किया था..और उस आदेश में बरियो पुलिस चौकी प्रभारी रूपेश नारंग को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रीडर के पद पर पदस्थ किया था..और फिर 28 जून को उप निरीक्षक रूपेश नारंग को वाड्रफनगर चौकी प्रभारी के पद पर पदस्थ किया गया..जाहिर सी बात है..आखिर इतने कम समय मे पुलिस अधीक्षक ने किसी दबाव में आकर यह आदेश किया होगा?..लेकिन इन सबके बीच उप निरीक्षक प्रद्युम्न तिवारी के साथ गुगली हो गई..अब वे खुद महकमे में अपनी स्थिति को आंकने में लगे है..
उप निरीक्षक प्रद्युम्न तिवारी विधानसभा चुनाव से पहले ही सूरजपुर जिले से बलरामपुर जिले में पदस्थ किये गए थे..उस दौरान उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री के करीबी होने का लाभ मिला था..उन्हें बतौर चलगली थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ किया गया..जिसके बाद 21 जून को प्रद्युम्न तिवारी की जगह सम्पत पोटाई को भेजा गया..और प्रद्युम्न तिवारी वाड्रफनगर चौकी प्रभारी बनाये गए थे..और वे कुछ समझ पाते उससे पहले ही उन्हें बसन्तपुर थाने में पदस्थ कर दिया गया है..
बता दे कि उपनिरीक्षक रूपेश नारंग बरियो चौकी प्रभारी के पद पर लगभग 2 वर्षों तक रहे ..इस दौरान उनकी कई शिकायतें पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस महानिरीक्षक तक से की गई थी..जिनकी जांच पेंडिंग है..इसके अलावा उन पर यह भी आरोप थे..की वे ग्रामीणों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते है..मेडिकल नशा व अवैध शराब का कारोबार उनके संरक्षण में संचालित थे..इसके अतिरिक्त वे ग्रामीणों के बीच विस्फोटक सामग्री रखने के मामले में अपनी पैठ जमाते थे..क्रेशर संचालको से गिट्टी परिवहन से होने वाले लाभ पर अपने हिस्से की मांग करते है..जिसके बाद अब उन्हें एक बार फिर से एनएच किनारे स्थित कस्बाई क्षेत्र में कमान सौंपी दी गई है..
वही ग्रामीणों ने 21 जून को बरियो चौकी प्रभारी बदलने पर जमकर आतिशबाजी की थी..और शोसल मीडिया में हिटलर शाही का अंत होने जैसे कई तरह के कमेंट्स किये जा रहे थे..मगर अब जो हुआ वह समझ से परे है..