सरगुज़ा : जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष घेरने वाले थे जनपद कार्यालय… SDM ने संभाला मोर्चा.. आश्वासन के बाद टला कार्यक्रम

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी अवधारणा के लिए अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति कृषि प्रणालीयो का पुनरुद्धार मिलेट, रिज़्यूवीनेशन एवं प्रोजेक्ट के लिए शासन द्वारा जनपद पंचायत को जारी राशि का गैर सरकारी संगठन के साथ साँठगाँठ कर सीईओ द्वारा लाखो रुपये गबन के मामले में जाँच की माँग के बाद भी कोई कार्रवाई नही होने से नाराज जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष द्वारा जनपद पंचायत कार्यालय का घेराव एसडीएम के आश्वासन के बाद टल गया है।

जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष जनपद पंचायत का घेराव करने पहुँचते उससे पूर्व ही मामले की गंभीरता देख एसडीएम दीपिका नेताम विश्राम गृह में जनप्रतिनिधियों से मिलने पहुँची और उक्त प्रकरण में 10 दिनों के अंदर जाँच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद जनपद घेराव का कार्यक्रम 10 दिनों के लिये टाल दिया गया।

“इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष शैलेष सिंह ने बताया कि अगर 10 दिनों के अंदर हमारी शिकायतों का निपटारा नही हुआ। तो हम सभी जनपद पंचायत का घेराव सहित उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।”

विदित हो कि राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना, नरवा, गरुवा, घुरुवा बाड़ी योजना के तहत इसके अवधारणा के लिए अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति कृषि प्रणाली का पुनरुद्धार मिलेट, रिज़्यूवीनेशन प्रोजेक्ट से संबंधित कार्य हेतु 18 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। जिसके तहत चयनित क्लस्टर ग्रामों में कृषि विकास विस्तार अधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त कर प्राक्कलन तैयार करते हुये चयनित किसानों की सूची तैयार करनी थी। इस सूची अनुसार प्रति चयनित प्रति हितग्राहियों को पाँच हजार रुपये दिये जाने थे इसके साथ बीज वितरण के लिए तीन हजार एवं खाद वितरण हेतु पाँच हजार रुपये दिया जाना था। किंतु आरोप ये है कि इस योजना का लाभ किसानों को नही मिला केवल कागजो में दर्शा दिया गया और और गैर सरकारी संगठन एवं सीईओ ने साँठगाँठ कर लाखो रुपये गबन कर लिया।

इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष शैलेष सिंह ने बताया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सूरज गुप्ता ने सारे नियमो को ताक पर रखते हुये यह काम गैर सरकारी संगठन को सौप दिया। इसके लिये उन्होंने न निविदा बुलाई न सूचना पत्र जारी किया और सामान्य सभा के अनुमोदन लिये बिना ही गैर सरकारी संगठन को कार्यादेश जारी कर दिया। इस बात का खुलासा होने पर जनपद अध्यक्ष शांति देवी उपाध्यक्ष शैलेष सिंह सहित सभी जनपद सदस्यों ने इसका विरोध किया और गैर सरकारी संगठन को जारी कार्यादेश निरस्त करते हुये वैधानिक रूप से सारी कार्रवाई करने के निर्देश दिये किंतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उनकी बातों को भी अनसुना कर दिया।

सीईओ ने कार्यादेश जारी करने के बाद कालातीत अवधि में उक्त कार्य का अभिलेख संधारण करते हुये विज्ञप्ति एवं सूचना पत्र जारी कर गैर सरकारी संगठन को 10 लाख 80 हजार के चेक जारी कर दिया।कार्यादेश जारी होने के बाद गैर सरकारी संगठन ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान अम्बिकापुर ने क्लस्टर ग्राम के चयनित किसानों को योजना का लाभ न देकर सारे काम कागजो में निपटा दिया और किसानों का फर्जी आँकड़ा पेश करते हुये सीईओ के साथ साँठगाँठ कर राशि गबन कर लिया। इस संबंध में जनपद अध्यक्ष शांति देवी एवं उपाध्यक्ष शैलेष सिंह ने सीईओ के उक्त कृत्य को निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं जनपद पंचायत के सामान्य सभा के अधिकारों का हनन बताते हुये कलेक्टर सरगुजा समेत गृह मंत्रालय, पुलिस को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की माँग की थी किंतु कोई कार्रवाई नही होने से जनप्रतिनिधि नाराज थे।

उन्होंने शासन प्रशासन पर घोटालेबाज अधिकारी को संरक्षण देने का आरोप लगा पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत जनपद पंचायत का घेराव करने जा रहे थे। किंतु एसडीएम द्वारा जाँच एवं कार्रवाई के आश्वासन के बाद अध्यक्ष उपाध्यक्ष ने जनपद पंचायत का घेराव कार्यक्रम टाल दिया।

इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सूरज गुप्ता ने बताया कि सभी काम नियमपूर्वक किये गए है। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। प्रशासकीय स्वीकृति में सामान्य सभा के अनुमोदन का कोई निर्देश नहीं है। इस काम के लिए निविदा भी बुलाई गई थी जिसमे तीन कोटेशन आये थे। जो योग्य था उसे कम दिया गया। उन्होंने बताया कि जिस संगठन को यह काम मिला था। उसे जनपद अध्यक्ष की अनुमति के पश्चात भुगतान किया गया है।