बिलासपुर.. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने 15 अगस्त 2019 को न्यायधानी से पृथक कर पेंड्रा,गौरेला ,मरवाही को सयुंक्त जिला बनाने की घोषणा की थी..इसके साथ ही जिले में होने वाली विभागों के सेटअप की कवायद तेज हुई थी.लेकिन इसी बीच दो अधिकारी अपने-अपने दफ्तर को लेकर आपस मे ही उलझ गए है..और आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है..
दरअसल मरवाही में जनपद पंचायत के सीईओ और तहसीलदार में रार की लकीरें खींच गई है. जनपद पंचायत के सीईओ ने तहसीलदार को तहसील कार्यालय को खाली कराने का पत्र भेजा है..जिसके जवाब में तहसीलदार ने सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह पुछा है कि..आखिर उन्होंने किसके अनुमति से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर जनपद पंचायत का भवन निर्माण कराया है..और यह मामला अब मसले में तब्दील हो गया है..
जनपद पंचायत मरवाही के सीईओ ठाकुर का कहना है कि..,उन्होंने एनआरएलएम के बिहान योजना के लिए जनपद के पुराने भवन (जिसमे वर्तमान में तहसील कार्यालय है) में कार्यालय संचालित करने के लिए तहसीलदार को पत्र लिखा था..लेकिन तहसीलदार ने तो सरकारी जमीन पर बनाये गए सरकारी कार्यालय पर ही सवालिया निशान लगा दिया है. और अब दोनों अधिकारी अपने -अपने आनबान और शान के किये आमने -सामने है..
बता दे कि क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 28 वे जिले की घोषणा की थी..और वह जिला अस्तित्व में आता इससे पहले ही दो जिम्मेदार अधिकारी आपस मे ही उलझ गए है..जिसके चलते अब स्थानीय प्रशासन की किरकिरी हो रही है..यही नही अब स्थानीय लोग इस मसले पर कलेक्टर संजय अलंग से हस्तक्षेप करने की गुहार लगा रहे है.